पवार का आरोप, देश में भगवा वस्त्र पहनने वालों को ही दिया जाता है सम्मान
उन्होंने युवाओं के मन में विज्ञान की समझ और जानकारी विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया। बिना किसी का नाम लिये पवार ने कहा, ‘‘भगवा वस्त्र पहनने वालों को इस देश में उच्च सम्मान दिया जाता है जबकि विज्ञान की अनदेखी की जा रही है।’’
ठाणे (महाराष्ट्र)। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने कहा कि "भगवा वस्त्र" धारण करने वाले लोगों को देश में बहुत सम्मान दिया जाता है जबकि विज्ञान की अनदेखी की जाती है। कृषि क्षेत्र में विज्ञान की महत्त्वपूर्ण भूमिका पर बल देते हुये उन्होंने कहा कि जिन किसानों ने आत्महत्या की है, उनके बच्चों को अध्ययन करने और अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है।
कर्मवीर अण्णांनी ग्रामीण भागातील घटकांना शिक्षण मिळण्यासाठी मोठी क्रांती केली. आदिवासी भागांतही रयत शिक्षण संस्थेने शिक्षणाची गंगा नेली. शिक्षणाचे प्रमाण अत्यल्प असलेल्या भागांत बुवाबाजीचे प्रस्थ असते. ते दूर करायचे असेल तर तिथेही शिक्षण रुजवायला हवे, विज्ञानाची कास धरायला हवी. pic.twitter.com/kaGmHuWzqU
— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) December 29, 2018
उन्होंने युवाओं के मन में विज्ञान की समझ और जानकारी विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया। बिना किसी का नाम लिये पवार ने कहा, ‘‘भगवा वस्त्र पहनने वालों को इस देश में उच्च सम्मान दिया जाता है जबकि विज्ञान की अनदेखी की जा रही है।’’
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वह नवी मुंबई के वाशी में रयत शिक्षण संस्था द्वारा संचालित कर्मवीर भाऊराव पाटिल कॉलेज में एक विज्ञान प्रदर्शनी का उद्घाटन करने के बाद बोल रहे थे। पवार ने कहा कि इंदिरा गांधी, टी सुब्रमण्यम और जगजीवन राम जैसे नेताओं ने विज्ञान का सहारा लेकर देश में हरित क्रांति की नींव रखी थी।
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