Jammu Kashmir Assembly Elections: विधानसभा चुनाव में अकेले मैदान में उतरी PDP, सूबे में चढ़ा सियासी पारा

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जम्मू कश्मीर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी एक क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टी है। इस पार्टी की स्थापना साल 1999 में पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने की थी। इससे पहले मुफ्ती मोहम्मद सईद पहले कांग्रेस पार्टी के सदस्य रह चुके हैं।

जम्मू-कश्मीर में करीब 10 साल बाद विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। 90 सीटों वाली विधानसभा के लिए तीन चरणों में मतदान संपन्न कराए जाएंगे। फिलहाल चुनावी प्रक्रिया चल रही है। चुनाव से पहले की तमाम बड़े राजनीतिक दलों ने यहां पर सियासी बिसात बिछानी शुरूकर दी है। ऐसे में इस चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की जम्मू कश्मीर पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी भी मैदान में है। बता दें कि पीडीपी अकेले विधानसभा चुनाव लड़ रही है। पिछले विधानसभा चुनाव के बाद पीडीपी ने भाजपा के साथ गठबंधन कर तीन साल सरकार चलाई थी।

पहले चुनाव में मिली पीडीपी को सत्ता

जम्मू कश्मीर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी एक क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टी है। इस पार्टी की स्थापना साल 1999 में पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने की थी। इससे पहले मुफ्ती मोहम्मद सईद पहले कांग्रेस पार्टी के सदस्य रह चुके हैं। साल 2002 में हुए जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव पीडीपी के लिए पहले विधानसभा चुनाव थे। पहले चुनाव में ही पार्टी ने 09.28% मत प्रतिशत के साथ 16 सीटें जीतीं। जिसके बाद पार्टी ने सूबे में गठबंधन सरकार बनाई थी। 

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ऐसे टूटा गठबंधन

साल 2008 के चुनाव में पीडीपी ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए 21 सीटों पर जीत हासिल की। लेकिन इस बार सूबे में पार्टी सरकार बनाने से चूक गई। वहीं साल 2014 के विधानसभा चुनाव में कोई भी दल बहुमत के आंकड़े को नहीं छू सका। ऐसे में एक बाग फिर पीडीपी के मुफ्ती मोहम्मद सईद ने राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। यह सरकार गठबंधन से बनी थीं। लेकिन बाद में सईद के निधन से राज्य में अनिश्चितता का दौर आ गया और राज्य में राज्यपाल शासन लग गया। फिर महबूबा मुफ्ती ने राज्य के सीएम के तौर पर शपथ ली। इस तरह से 04 अप्रैल 2014 में महबूबा मुफ्ती राज्य की पहली महिला सीएम बनीं। हालांकि यह गठबंधन सरकार दो साल से कुछ वक्त ज्यादा चल सकी थी।

वहीं साल 2019 में जम्मू-कश्मी के विशेष राज्य के दर्जे को खत्म कर इसे केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया। आर्टिकल 370 हटने के बाद यह राज्य में पहला विधानसभा चुनाव हैं। इस चुनाव में महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीडीपी भी चुनाव मैदान में उतरी है। वहीं पार्टी ने 40 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है। बता दें कि महबूबा मुफ्ती यह चुनाव नहीं लड़ रही हैं। बल्कि महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती अपने चुनावी राजनीति की शुरूआत कर रही हैं। इल्तिजा मुख्ती बिजबेहरा से चुनावी लड़ेंगी। यह सीट कभी मुफ्ती परिवार का गढ़ मानी जाती रही है।

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