गोवा सरकार चला रहे लोग विलय समर्थक हैं: सरदेसाई
गोवा का पड़ोसी राज्य के साथ विलय करने को लेकर जनमत संग्रह 16 जनवरी 1967 को किया गया। तत्कालीन महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी (एमजीपी) महाराष्ट्र का हिस्सा बनने के पक्ष में थी लेकिन अन्य दलों के नेताओं ने इसका विरोध किया था।
पणजी। गोवा के पूर्व उपमुख्यमंत्री विजय सरदेसाई ने दावा किया कि राज्य सरकार ऐसे लोग चला रहे हैं जो राज्य का महाराष्ट्र में विलय चाहते हैं। गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) के अध्यक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि ‘‘दोडामार्ग जैसे महाराष्ट्र के इलाकों’’ को गोवा में जोड़ने की ‘‘उलटे विलय’’ की कोशिशें की गई। वह दक्षिण गोवा जिले के मडगांव में 1967 में हुए गोवा के ऐतिहासिक जनमत संग्रह की वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर बुधवार को एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। गोवा का पड़ोसी राज्य के साथ विलय करने को लेकर जनमत संग्रह 16 जनवरी 1967 को किया गया। तत्कालीन महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी (एमजीपी) महाराष्ट्र का हिस्सा बनने के पक्ष में थी लेकिन अन्य दलों के नेताओं ने इसका विरोध किया था।
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सरदेसाई ने दावा किया कि जनमत संग्रह के दौरान राज्य की 54 प्रतिशत आबादी ने विलय के खिलाफ मतदान किया। सरदेसाई की पार्टी जुलाई 2019 तक भाजपा के नेतृत्व वाली गोवा सरकार का हिस्सा थी लेकिन इसके बाद उसके मंत्रियों को सावंत के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल से हटा दिया गया। जीएफपी नेता ने यह भी कहा कि जिन्हें 1967 के जनमत संग्रह में हराया गया था उन्होंने हमेशा अपने कामों से गोवावासियों को पराजित करने की कोशिश की जैसे कि उन्होंने कोंकणी भाषा को आधिकारिक भाषा का दर्जा देने की मांग का विरोध किया।
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