बादलों की वजह से सदी के सबसे लंबे चंद्रग्रहण को नहीं देख पाए लोग
दिल्ली के नेहरू तारामंडल में बीती रात करीब 2,000 लोग दुर्लभ खगोलीय घटना सदी के सबसे लंबे चंद्रग्रहण को देखने के लिए जुटे, लेकिन उन्हें निराश होना पड़ा क्योंकि इनकी आंखों और चांद के बीच बादलों ने पूरी तरह से पर्दा डाल दिया।
नयी दिल्ली। दिल्ली के नेहरू तारामंडल में बीती रात करीब 2,000 लोग दुर्लभ खगोलीय घटना सदी के सबसे लंबे चंद्रग्रहण को देखने के लिए जुटे, लेकिन उन्हें निराश होना पड़ा क्योंकि इनकी आंखों और चांद के बीच बादलों ने पूरी तरह से पर्दा डाल दिया। सदी के सबसे लंबे चंद्रग्रहण के दौरान जब चांद पूरी तरह से लाल होकर ‘ब्ल्ड मून’ में तब्दील हो गया तब भी लोग पृथ्वी के इस उपग्रह को देख पाने में असमर्थ रहे। लोगों ने मध्यरात्रि के बीतने की प्रतीक्षा भी की कि कभी तो बादल हटेगा और वे चांद देख पाएंगे, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी। लोग अपने साथ दूरबीन भी लेकर आए थे। दिल्ली सहित भारत के विभिन्न हिस्सों में पिछले कुछ दिनों से मानसून के असर की वजह से बारिश हो रही है।
मौसम ने लोगों को इस दुर्लभ खगोलीय घटना को देखने से वंचित कर दिया, जबकि दुनिया के विभिन्न हिस्सों में 'ब्लड मून’ देखा गया। तारामंडल ने ‘मून कार्निवल’ आयोजित किया था और इस चंद्रग्रहण को देखने के लिए विशेष दूरबीन लगाई थीं। इसके अलावा तारामंडल ने खगोल विज्ञान, ग्रहण पर शो भी आयोजित किए। नेहरू तारामंडल की निदेशक रत्नाश्री ने कहा, “बादलों की वजह से कुछ भी नहीं दिखा।” दुर्लभ खगोलीय घटना के दीदार के लिए रात में लोग अपने घरों की छतों पर भी पहुंचे, लेकिन बादलों ने उन्हें निराश कर दिया।
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