लोगों को जल्दी पता चल जाएगा कि शिवसेना राज्य में सत्ता में होगी :उद्धव

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[email protected] । Nov 3 2019 4:48PM

ठाकरे ने यहां संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘‘आपको आने वाले दिनों में जानकारी हो जाएगी कि शिव सेना (प्रदेश में) सत्ता में होगी।’’ इसके बाद पूछे गए किसी भी राजनीतिक सवाल का जवाब देने से उद्धव ने मना कर दिया।

औरंगाबाद। महाराष्ट्र में सरकार के गठन को लेकर गठबंधन सहयोगी भारतीय जनता पार्टी के साथ जारी खींचतान के बीच शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने रविवार को कहा कि लोगों को जल्दी ही इस बात की जानकारी हो जाएगी कि उनकी पार्टी राज्य में सत्ता में होगी । उद्धव ने कहा कि महाराष्ट्र में असमय हुई बारिश के कारण किसानों की फसल के नुकसान के लिए राज्य सरकार की ओर से दस हजार करोड़ के पैकेज की घोषणा अपर्याप्त है । महाराष्ट्र विधानसभा के लिए 21 अक्टूबर को हुए मतदान के परिणाम के बाद भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री का पद साझा करने को लेकर जबरस्त खींचतान चल रही है और अब तक सरकार गठन को लेकर औपचारिक बातचीत शुरू नहीं हो सकी है ।

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ठाकरे ने यहां संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘‘आपको आने वाले दिनों में जानकारी हो जाएगी कि शिव सेना (प्रदेश में) सत्ता में होगी।’’ इसके बाद पूछे गए किसी भी राजनीतिक सवाल का जवाब देने से उद्धव ने मना कर दिया।पिछले महीने असमय हुई बारिश के बाद वह फसल के नुकसान का जायजा लेने के लिए औरंगाबाद आए थे । ठाकरे ने कहा कि उन्होंने कन्नड एवं वैजापुर जिलों के किसानों के साथ बातचीत की। उन्होंने राज्य नेतृत्व पर हमला बोलते हुए कहा, ‘‘क्षति की समीक्षा हेलीकाप्टर से नहीं की जा सकती है।’’

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ठाकरे ने कहा, ‘‘बेमौसम हुई बारिश के कारण किसानों के फसल नुकसान के लिए दस हजार करोड़ का मुआवजा अपर्याप्त है।उन्होंने कहा कि किसानों को प्रति हेक्टेयर 25 हजार रुपये का मुआवजा दिया जाना चाहिए । उन्होंने कहा कि किसानों के अधिकार उन्हें मिलने ही चाहिए । ठाकरे ने केंद्र सरकार से यह मांग की कि वह लोगों को यह बताए कि क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक सहयोग (आरसीईपी) से देश को किस प्रकार फायदा होगा । आरसीईपी में आसियान के दस देशों के अलावा भारत, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे छह अन्य देश शामिल हैं जो मुक्त व्यापार के लिए बातचीत कर रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को कहा कि आरसीईपी समझौते पर हस्ताक्षर करने के परिणामस्वरूप किसानों, दुकानदारों और छोटे उद्यमों के लिए ‘‘अनकही कठिनाई’’ होगी।

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