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RCEP मुद्दे पर सरकार को घेर रहीं सोनिया पर पीयूष गोयल ने किया करारा वार
- नीरज कुमार दुबे
- नवंबर 2, 2019 23:23
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केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, ''''सोनिया गांधी आरसीईपी और एफटीए पर अचानक जाग गई हैं। वो तब कहां थीं जब आरसीईपी देशों के साथ व्यापार घाटा 2004 में 7 बिलियन से बढ़कर 2014 तक 78 बिलियन डॉलर पहुंच गया था।''''
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने क्षेत्रीय समग्र आर्थिक साझेदारी (RCEP) के मुद्दे को लेकर शनिवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि यह सरकार पहले ही बुरे दौर से गुजर रही अर्थव्यवस्था को बहुत बड़ा नुकसान पहुंचाने की तैयारी कर रही है। उन्होंने आर्थिक मंदी, बेरोजगारी और कृषि संकट को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा और दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी इन पर कारगर कदम उठाने के बजाय सुर्खियां बंटोरने और आयोजनों में व्यस्त हैं।
Smt. Sonia Gandhi ji has suddenly woken up to RCEP and FTAs. So where was she
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) 2 November 2019
When her Govt. opened 74% of its market to ASEAN countries but richer countries like Indonesia opened only 50% for India? Why did she not speak against giving larger concessions to richer countries
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सोनिया गांधी के इस बयान पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, ''सोनिया गांधी आरसीईपी और एफटीए पर अचानक जाग गई हैं। वो तब कहां थीं जब आरसीईपी देशों के साथ व्यापार घाटा 2004 में 7 बिलियन से बढ़कर 2014 तक 78 बिलियन डॉलर पहुंच गया था।'' उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार के कार्यकाल में भारत इस साझेदारी के साथ जुड़ा था। रेल और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने अपने कई सिलसिलेवार ट्वीटों के जरिये सोनिया गांधी और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि वह देश को गुमराह नहीं करें।
PM @narendramodi ji has highlighted that RCEP must be a win-win “We too would like a win-win outcome. We believe that for this, addressing our concerns over unsustainable trade deficits is important.” https://t.co/3kDKx1taXh
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) 2 November 2019
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क्या है RCEP
RCEP एक व्यापार समझौता है जो सदस्य देशों को एक दूसरे के साथ व्यापार करने में सहूलियतें प्रदान करता है। इस करार के तहत सदस्य देशों को आयात और निर्यात पर लगने वाला कर नहीं भरना पड़ता है और अगर भरना भी पड़ता है तो वह बहुत कम होता है। इस करार पर आसियान के 10 देशों के साथ-साथ छह अन्य देश, जिसमें भारत भी शामिल है, हस्ताक्षर करेंगे।
केन्द्र सरकार के स्वामित्व वाली जमीन से शरणार्थियों को जबरदस्ती हटाने नहीं दूंगी: ममता
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 21, 2021 19:55
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बनर्जी का यह बयान उन खबरों के बीच आया है, जिनमें कहा गया है कि ऐसे विभिन्न स्थानों को खाली करने के नोटिस जारी कर दिये गए हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ऐसे सभी शरणार्थियों को पट्टे (भूमि प्रमाण पत्र) देगी।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को जोर देकर कहा कि वह केन्द्र सरकार के संगठनों के स्वामित्व वाली जमीन से किसी भी शरणार्थी को बलपूर्वक हटाने नहीं देंगी। बनर्जी का यह बयान उन खबरों के बीच आया है, जिनमें कहा गया है कि ऐसे विभिन्न स्थानों को खाली करने के नोटिस जारी कर दिये गए हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ऐसे सभी शरणार्थियों को पट्टे (भूमि प्रमाण पत्र) देगी।
इसे भी पढ़ें: ममता बनर्जी को नंदीग्राम से 50 हजार वोटों से हराएगा भाजपा प्रत्याशी: शुभेंदु अधिकारी का दावा
बनर्जी ने राज्य सचिवालय में मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कहा, हमें जानकारी मिली है कि बांकुड़ा और हावड़ा में कुछ स्थानों पर केन्द्र सरकार के संगठनों ने बेदखली नोटिस लगाए हैं। लेकिन हमारी सरकार ऐसा नहीं होने देगी। हम उन्हें (शरणार्थियों को) योग्यता के आधार पर दलील (आधिकारिक दस्तावेज) देंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने बीते दो साल में 213 शरणार्थी कॉलोनियों को नियमित किया औरकुल 2,79,000 पट्टे जारी किये।
वाराणसी में कोरोना टीकाकरण के लाभार्थियों से शुक्रवार को संवाद करेंगे PM मोदी
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 21, 2021 19:50
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प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने बृहस्पतिवार को बताया कि टीकाकरण करा चुके लोग इस कार्यक्रम के दौरान वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से प्रधानमंत्री से टीकाकरण संबंधी अपने अनुभव भी साझा करेंगे।
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कोविड-19 टीकाकरण अभियान के लाभार्थियों और टीका लगा चुके लोगों से संवाद करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने बृहस्पतिवार को बताया कि टीकाकरण करा चुके लोग इस कार्यक्रम के दौरान वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से प्रधानमंत्री से टीकाकरण संबंधी अपने अनुभव भी साझा करेंगे। बयान में कहा गया कि दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान का सुचारू रूप से संचालन सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री की वैज्ञानिकों, राजनीतिक नेताओं, अधिकारियों और अन्य हितधारकों के साथ निरंतर संवाद और चर्चा चल रही है।
इस मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘देश में विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान जारी है। देश भर में हमारे अग्रिम मोर्चे पर तैनात स्वास्थ्यकर्मी टीका लगवा रहे हैं। कल 22 जनवरी को (अपराह्न)1:15 बजे मैं वाराणसी में कोविड-19 टीकाकरण के लाभार्थियों और टीका लगाने वालों से संवाद करूंगा।’’ प्रधानमंत्री ने 16 जनवरी को देशव्यापी टीकाकरण अभियान की शुरुआत की थी। टीकाकरण के पहले चरण में तीन करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मियों को टीका लगाया जाएगा।The world’s largest vaccination drive is underway in India. Our frontline warriors are getting vaccinated across the nation. At 1:15 PM tomorrow, 22nd January, I would interact with beneficiaries and vaccinators of Covid vaccination drive in Varanasi, via video conferencing.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 21, 2021
शनिवार से असम और मेघालय के दो दिवसीय दौरे पर रहेंगे गृह मंत्री अमित शाह
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 21, 2021 19:34
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उत्तर पूर्वी परिषद उत्तर पूर्वी क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए प्रधान संस्था है जिसमें अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा -ये आठ राज्य शामिल हैं। शाह रविवार को असम लौटेंगे।
गुवाहाटी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह असम और मेघालय के दो दिवसीय दौरे पर 23 जनवरी को गुवाहाटी पहुंचेंगे। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। शाह शनिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन की मौजूदगी में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के लिए आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना की शुरुआत करेंगे। सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) जैसे केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के प्रमुखों, एक उप-अधिकारी और एक-एक जवान को शाह आयुष्मान स्वास्थ्य कार्ड वितरित करेंगे। इसके बाद शाह मेघालय पहुंचेंगे जहां वह शिलोंग में उत्तर पूर्वी परिषद (एनईसी) के पूर्ण अधिवेशन की अध्यक्षता करेंगे।
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उत्तर पूर्वी परिषद उत्तर पूर्वी क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए प्रधान संस्था है जिसमें अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा -ये आठ राज्य शामिल हैं। शाह रविवार को असम लौटेंगे। वह बोडोलैंड टेरिटोरियल रीजन (बीटीआर) समझौते पर हस्ताक्षर की पहली वर्षगांठ पर कोकराझार में आयोजित एक समारोह में शिरकत करेंगे। यह समझौता असम में रहने वाले बोडो जनजातीय लोगों को राजनीतिक अधिकार, आर्थिक पैकेज प्रदान करता है। शाह नलबारी जिले के केंदुकुची में भाजपा की एक रैली को भी संबोधित करेंगे। असम में इस साल मार्च-अप्रैल में विधानसभा के चुनाव होने हैं।

