आयुर्वेद को दुनिया में पहचान देने वाले पीके वॉरियर का 100 साल की उम्र में निधन, पूर्व प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति का किया उपचार
आयुर्वेद के ध्वजवाहक और केरल की पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली के लोकप्रिय प्रतिपादकों में से एक पीके वॉरियर का 100 साल की उम्र में देहांत हो गया. केरल के मलप्पुरम जिले में उनके गृहनगर में उन्होंने आखिरी सांस ली.
आयुर्वेद के ध्वजवाहक और केरल की पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली के लोकप्रिय प्रतिपादकों में से एक पीके वॉरियर का 100 साल की उम्र में देहांत हो गया. केरल के मलप्पुरम जिले में उनके गृहनगर में उन्होंने आखिरी सांस ली.उनके निधन के पर देश के तमाम दिग्गजों ने शोक व्यक्त किया है. पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने अपने व्यक्तिगत अनुभव को याद करते हुए कहा कि एक दिन उन्हें तत्कालीन प्रधान मंत्री पीवी नरसिम्हा राव का फोन आया और उन्होंने कहा था कि श्रीलंका के तत्कालीन प्रधान मंत्री सिरिमावो भंडारनायके अस्वस्थ थे और चलने में असमर्थ थे। कई चर्चाओं के बाद यह तय किया गया कि उनका आयुर्वेदिक इलाज होगा।
एके एंटनी ने उनके कामों का किया उल्लेख
एंटनी ने आगे कहा कि “यह तय किया गया था कि वह (सिरीमावो भंडारनायके) तिरुवनंतपुरम के लिए उड़ान भरेंगी और केरल के राज्यपाल के आधिकारिक आवास पर रहेंगी और वारियर के नेतृत्व में आयुर्वेद डॉक्टरों की एक टीम ने इलाज शुरू किया। मैं वहां एयरपोर्ट पर उसकी अगवानी करने गया था तो मैंने देखा कि वह स्ट्रेचर पर आई थी लेकिन इलाज के बाद जब मैं उन्हें विदा करने गया तो मैंने देखा कि वह मुस्कुरा रही है और अच्छे से चल रही है।"
पीके वॉरियर के लिए आगे उन्होंने लिखा कि एक विनम्र और सरल स्वभाव के व्यक्ति थे लेकिन अपने विषय में ज्ञान का भंडार थे।" वह इस साल जून में 100 साल के हुए थे, लेकिन COVID-19 से संक्रमित थे, जिसके बाद वे यूरिन संबंधी बीमारियों से भी पीड़ित हो गए थे।
वह आयुर्वेद उपचार केंद्र कोट्टक्कल आर्य वैद्य शाला के प्रबंध न्यासी थे। यहां आयुर्वेदिक दवाओं का उत्पादन किया जाता है। आयुर्वेद दवाओं का उत्पादन करता है। उन्हें 1999 में पद्म श्री और 2010 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। उनकी पत्नी स्वर्गीय माधविकुट्टी के वॉरियर एक कवयित्री थीं।
केरल के गवर्नर ने आयुर्वेद के लिए बताया बड़ा नुकसान
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने पीके वॉरियर के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए लिखा " पीके वॉरियर एक चिकित्सक के रूप में आयुर्वेद की वैज्ञानिक खोज के लिए प्रतिबद्ध थे। उन्हें आयुर्वेद के आधुनिकीकरण में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए याद किया जाएगा। एक मानवतावादी के रूप में उन्होंने समाज में सभी के लिए अच्छे स्वास्थ्य और सम्मान के जीवन की कल्पना की।
Hon'ble Governor Shri Arif Mohammed Khan said:"As a humanist,Dr #PKWarrier envisioned a life of good health&dignity for all. His demise is a great loss for medical sciences. My heartfelt condolences to his family&AVS fraternity.May his soul attain Mukti":PRO,KeralaRajBhavan(T2/2) pic.twitter.com/RLdB112b7D
— Kerala Governor (@KeralaGovernor) July 10, 2021
आरिफ मोहम्मद खान ने पीके वॉरियर का निधन चिकित्सा बिरादरी के लिए बहुत बड़ी क्षति बताया है. वहीं केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि वॉरियर के प्रयासों ने ही आयुर्वेद को अपने मजबूत वैज्ञानिक आधार के कारण दुनिया भर में एक नया आयाम और स्वीकार्यता दी. जिसके साथ वह आयुर्वेद को पेश करने और प्रोजेक्ट करने में सक्षम थे।
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