प्रधानमंत्री ने बुनियादी ढांचे से जुड़े गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान की शुरुआत की, कारोबार सुगमता की स्थिति होगी बेहतर
पीएम गतिशक्ति योजना में एक साझा मंच का निर्माण शामिल है जिसके माध्यम से विभिन्न मंत्रालयों/विभागों के बीच त्वरित आधार (कंप्यूटर प्रणाली द्वारा सूचना का तत्काल प्रसार) पर समन्वय के माध्यम से बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की योजना बनायी जा सकती है और उन्हें प्रभावी तरीके से लागू किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ‘मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी’ के लिए 100 लाख करोड़ रुपये के राष्ट्रीय मास्टर प्लान की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य लॉजिस्टिक्स की लागत को कम करना और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचे का विकास करना है। मोदी ने योजना की शुरूआत के अवसर पर कहा कि पीएम गतिशक्ति योजना का लक्ष्य ‘लॉजिस्टिक्स’ की लागत में कमी, कार्गो हैंडलिंग क्षमता बढ़ाना और कार्यान्वयन को तेज करना है। उन्होंने कहा कि इस योजना का उद्देश्य सभी संबंधित विभागों को एक मंच पर जोड़कर परियोजनाओं को अधिक शक्ति और गति देना है। उन्होंने कहा कि विभिन्न मंत्रालयों एवं राज्य सरकारों की बुनियादी ढांचा योजनाओं को एक समान दृष्टि से तैयार कर उनका कार्यान्वयन किया जाएगा। मोदी ने आरोप लगाया कि विगत में विकास कार्यों में सुस्ती के साथ करदाताओं के पैसों का सही इस्तेमाल नहीं किया जाता था और विभाग अलग-अलग काम करते थे तथा परियोजनाओं को लेकर उनमें कोई समन्वय नहीं था। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचे के बिना विकास संभव नहीं है और सरकार ने अब इसे समग्र रूप से विकसित करने का संकल्प लिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि गतिशक्ति मास्टर प्लान सड़क से लेकर रेलवे, उड्डयन से लेकर कृषि तक परियोजनाओं के समन्वित विकास के लिए विभिन्न विभागों को आपस में जोड़ता है। उन्होंने कहा कि देश में ‘लॉजिस्टिक्स’ की ऊंची लागत जो सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 13 प्रतिशत हिस्सा है, निर्यात में प्रतिस्पर्धा को प्रभावित कर रही है और पीएम गतिशक्ति का उद्देश्य ‘लॉजिस्टिक्स’ की लागत कम करना और कार्यान्वयन को तेज करना है।
मोदी ने कहा कि इस योजना से भारत को एक निवेश गंतव्य के रूप में बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के तहत भारत जिस गति और पैमाने को देख रहा है, वह आजादी के पिछले 70 वर्षों में कभी नहीं देखा गया था। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि पहली अंतर-राज्यीय प्राकृतिक गैस पाइपलाइन 1987 में चालू की गयी थी। तब से 2014 तक, 15,000 किलोमीटर प्राकृतिक गैस पाइपलाइन का निर्माण किया गया था। इस समय 16,000 किलोमीटर से अधिक नयी गैस पाइपलाइन का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा, 27 साल में जो किया गया, हम वह काम उससे आधे से भी कम समय में कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 में भाजपा सरकार के सत्ता में आने से पहले के पांच साल में 1,900 किलोमीटर रेल लाइन का दोहरीकरण किया गया था, जबकि पिछले सात वर्षों में 9,000 किलोमीटर रेल लाइन का दोहरीकरण हुआ है। उन्होंने कहा कि 2015 में मेट्रो नेटवर्क 250 किलोमीटर था और अब मेट्रो रेल नेटवर्क का विस्तार 700 किलोमीटर तक हो गया है तथा और 1,000 किलोमीटर पर काम चल रहा है। मोदी ने कहा कि पिछले सात वर्षों में डेढ़ लाख ग्राम पंचायतों को ऑप्टिक फाइबर नेटवर्क से जोड़ा गया है जबकि 2014 से पहले के पांच वर्षों में केवल 60 ग्राम पंचायतों में यह सुविधा थी। उन्होंने कहा कि बंदरगाहों पर पोत संबंधी कार्यान्वयन के समय को 41 घंटे से घटाकर 27 घंटे कर दिया गया है तथा इसे और कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 से पहले पांच वर्षों में तीन लाख सर्किट किमी बिजली ट्रांसमिशन लाइन बिछायी गयी थी जिसके मुकाबले पिछले सात वर्षों में 4.25 लाख सर्किट किमी लाइन बिछायी गयी है। उन्होंने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा के मामले में भी काफी विस्तार हुआ है। पीएम गतिशक्ति योजना में एक साझा मंच का निर्माण शामिल है जिसके माध्यम से विभिन्न मंत्रालयों/विभागों के बीच त्वरित आधार (कंप्यूटर प्रणाली द्वारा सूचना का तत्काल प्रसार) पर समन्वय के माध्यम से बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की योजना बनायी जा सकती है और उन्हें प्रभावी तरीके से लागू किया जा सकता है। त्वरित आधार पर सूचना और आंकड़ों की अधिक दृश्यता और उपलब्धता के साथ, बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का कुशल कार्यान्वयन होगा।A must watch video on how PM Gati Shakti will bring a transformative change in our infra creation efforts, especially in breaking silos and bringing synergy. pic.twitter.com/cBOLYxCe0i
— Narendra Modi (@narendramodi) October 13, 2021
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मंत्रालयों के बीच सूचना को लेकर कम विषमता होगी। इसके साथ ही अकेले काम करने की स्थिति में कमी तथा विभिन्न सरकारी एजेंसियों के बीच समन्वय के अभाव से होने वाली देरी से निपटने में भी मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन तमाम वर्षों में कार्य प्रगति पर है का बोर्ड विश्वास की कमी का प्रतीक बन गया था और प्रगति के लिए रफ्तार, उत्सुकता और सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि आज का 21वीं सदी का भारत पुरानी प्रणालियों और तौर-तरीकों को पीछे छोड़ रहा है। मोदी ने कहा, हमने ना सिर्फ परियोजनाओं को तय समयसीमा में पूरा करने की कार्य संस्कृति विकसित की है बल्कि आज समय से पहले परियोजनाएं पूरी करने के प्रयास हो रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में बुनियादी ढांचे का विषय ज्यादातर राजनीतिक दलों की प्राथमिकता नहीं रहता है और यह उनके घोषणापत्र में भी नहीं दिखता। उन्होंने कहा कि अब तो यह स्थिति आ गई है कि कुछ राजनीतिक दल, देश के लिए जरूरी बुनियादी ढांचे के निर्माण पर आलोचना करने लगे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया में ये स्वीकृत बात है कि सतत विकास के लिए गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचे का निर्माण एक ऐसा रास्ता है, जो कई आर्थिक गतिविधियों को जन्म देता है और बड़े पैमाने पर रोजगार का निर्माण करता है। उन्होंने इस बात पर संतोष जताया कि अब समन्वय की वजह से होने वाली देरी से बचने पर ध्यान दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएम गतिशक्ति मास्टर प्लान ना केवल सरकारी प्रक्रिया और इसके विभिन्न हितधारकों को एक साथ लाता है, बल्कि परिवहन के विभिन्न माध्यमों को साथ जोड़ने में भी मदद करता है। उन्होंने कहा, ‘‘यह समग्र शासन का एक विस्तार है।’’ प्रधानमंत्री ने उम्मीद जतायी कि गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचे के विकास से भारत विश्व का व्यापार केंद्र बनने के सपने को साकार कर सकता है।
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मोदी ने कहा कि हमारे लक्ष्य असाधारण हैं और इसके लिए असाधारण प्रयासों की आवश्यकता होगी। इन लक्ष्यों को साकार करने में पीएम गतिशक्ति सबसे ज्यादा मददगार होगा। जिस तरह जेएएम (जन धन, आधार, मोबाइल) की तिकड़ी ने लोगों तक सरकारी सुविधाओं की पहुंच में क्रांति ला दी, उसी तरह बुनियादी ढांचा क्षेत्र के लिए पीएम गतिशक्ति योजना भी ऐसा ही करेगी। उन्होंने कहा, आज का 21वीं सदी का भारत पुरानी प्रणालियों और तौर-तरीकों को पीछे छोड़ रहा है। आज का मंत्र है - प्रगति के लिए कार्य, प्रगति के लिए संपत्ति, प्रगति की योजना, प्रगति को प्राथमिकता। प्रधानमंत्री ने कहा, हमने ना केवल परियोजनाओं को तय समयसीमा में पूरा करने की कार्य संस्कृति विकसित की है, बल्कि उन्हें समय से पूरा करने की कोशिश भी कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी सह सम्मेलन केंद्र के चार प्रदर्शनी हॉल का भी उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि इससे सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई), हस्तशिल्प, कुटीर उद्योगों को अपने उत्पादों को वैश्विक खरीदारों को दिखाने में मदद मिलेगी।
पीएम गतिशक्ति से कारोबार सुगमता की स्थिति बेहतर होगी, वृद्धि को मिलेगी गति: उद्योग
उद्योग संगठनों ने बुधवार को कहा कि पीएम गतिशिक्ति ‘मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी’ योजना से कारोबार सुगमता की स्थिति बेहतर होगी और भारत की वृद्धि को नयी रफ्तार मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ‘मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी’ के लिए 100 लाख करोड़ रुपये के गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान की शुरुआत की। इसका उद्देश्य ‘लॉजिस्टिक’ की लागत को कम करने और अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए बुनियादी ढांचे का विकास करना है। उद्योग मंडल सीआईआई (भारतीय उद्योग परिसंघ) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि निर्बाध ‘मल्टीमॉडल’ संपर्क व्यवस्था और बेहतर अंतर-सरकारी समन्वय को बढ़ावा देने के लिये प्रस्तावित प्रौद्योगिकी आधारित डिजिटल मंच समय पर उठाया गया और क्रांतिकारी कदम है। उन्होंने कहा, ‘‘यह बेहतर संपर्क व्यवस्था के माध्यम से व्यापार सुगमता को बढ़ाने के साथ विनिर्माण प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगा। यह भारत की वृद्धि को नयी गति देने और रोजगार पैदा करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।’’ उद्योग मंडल एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने कहा कि पीएम गतिशक्ति कार्यक्रम का शुभारंभ महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को तेजी से क्रियान्वित करने के लिए एक ऐतिहासिक नीतिगत कदम है क्योंकि इसमें समग्र विकास के लिये एक साझा रुख पर जोर है। सूद ने कहा, ‘‘गतिशक्ति कार्यक्रम रेलवे, बंदरगाह, हवाईअड्डों, जलमार्गों, गैस पाइपलाइन समेत विभिन्न क्षेत्रों में 15,000 अरब डॉलर की राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा पाइपलाइन को नयी गति प्रदान करेगा।’’ उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचेके साथ इससे सौदा लागत में कमी आएगी और कारोबार सुगमता बढ़ेगी।
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