'Islamophobia' के बहाने भारत की छवि बिगाड़ने की कोशिश, PM मोदी और MEA जयशंकर ने संभाला मोर्चा
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अरब दुनिया भर के अपने समकक्षों से व्यक्तिगत रूप से बात की, उन्हें आश्वस्त और उन्हें आश्वस्त किया। वहीं भारतीय राजनयिकों ने इस विवाद को हवा देने वाले नकली सोशल मीडिया पोस्टों को उजागर करने के लिए ओवरटाइम काम किया।
कोरोना वायरस खतरे के बीच सोशल मीडिया पर इस्लामोफोबिया, दुष्प्रचार और फेक ट्विटर हैंडल से फैली संभावित सांप्रदायिक अधिप्रचार की पोल खोलने के लिए भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने खुद मोर्चा संभाल लिया है। मंत्रालय ने इसको लेकर खाड़ी देशों के साथ संपर्क साधना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में विदेश मंत्री जयशंकर ने खाड़ी देशों के बड़े नेताओं से बातचीत की है।
पिछले 24 घंटों में, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अरब दुनिया भर के अपने समकक्षों से व्यक्तिगत रूप से बात की, उन्हें आश्वस्त और उन्हें आश्वस्त किया। वहीं भारतीय राजनयिकों ने इस विवाद को हवा देने वाले नकली सोशल मीडिया पोस्टों को उजागर करने के लिए ओवरटाइम काम किया।
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भारत ने इन देशों को सभी सहायता देने का भी आश्वासन दिया है, रमज़ान की शुभकामनाओं के बहाने दो दिनों में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पांच खाड़ी देशों के विदेश मंत्रियों से बात की है। कुछ खाड़ी देशों के विदेश मंत्रियों ने अनुरोध किया कि उनके चिकित्साकर्मियों को जो इस समय भारत में हैं, उन्हें वापस जाने की अनुमति दी जाए। विदेश मंत्री ने आश्वासन दिया है कि इस मामले पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा।
गौरतलब है कि पिछले कुछ हफ्तों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीसीसी देशों सऊदी अरब, यूएई, कतर, कुवैत, बहरीन और ओमान के नेताओं के साथ-साथ फिलिस्तीन, जॉर्डन और इजिप्ट के नेताओं के साथ टेलीफोन पर बातचीत की थी। प्रधानमंत्री की बातचीत की कड़ी में विदेश मंत्री जयशंकर ने ने 23 अप्रैल को सऊदी अरब और ओमान के विदेश मंत्री से बात की।
बता दें कि बीते कुछ दिनों से खाड़ी देशों के शहजादों और शहजादियों के नाम से फर्जी अकाउंट बनाकर भारत के खिलाफ प्रॉपेगैंडा और नफरत फैलाने की कोशिश की जा रही है। ट्विटर ने ऐसे ही एक फर्जी अकाउंट को सस्पेंड किया है।
एक साक्षात्कार में ओमान में भारत के राजदूत मुनु महावर ने ओमान में रहने वाले भारतीयों से आग्रह किया कि वे सोशल मीडिया पर नकली समाचारों से विचलित न हों। उन्होंने कहा कि भारत और ओमान आपसी समझ और विश्वास पर आधारित एक बहुत ही विशेष संबंध साझा करते हैं। भारतीय राजदूत का बयान ओमान के शाही परिवार की एक सदस्य के मोना बिंत फहद अल सैद के फेक ट्वीट हैंडल से वायरल होने के बाद आया। हालांकि शाही परिवार की सदस्य ने बाद में इस पोस्ट को फेक करार दिया था।
इससे पहले यूएई में भारतीय राजदूत, पवन कपूर ने ट्वीट कर कहा था कि 'भारत और संयुक्त अरब अमीरात किसी भी आधार पर भेदभाव के ख़िलाफ़ हैं। किसी भी तरह का भेदभाव हमारे नैतिक तानाबाना और नियम क़ानून के ख़िलाफ़ है। अमीरात में रहने वाले सभी भारतीयों को यह हमेशा याद रखना चाहिए।'
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