PM मोदी ने ग्रामीण भारत की संकल्प शक्ति की सराहना की, कहा - कोरोना संकट का बड़ा संदेश ‘आत्मनिर्भर बनना’
संबोधन के दौरान उन्होंने अपना चेहरा ‘गमछे’ से ढका हुआ था। राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर यह कार्यक्रम पहले उत्तर प्रदेश के झांसी में आयोजित किया जाना था लेकिन कोविड-19 महामारी के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के कारण यह वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये किया गया।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ कोरोना वायरस महामारी ने हमारे लिए अनेक मुसीबतें पैदा की हैं, जिनकी हमने कभी कल्पना तक नहीं की थी। लेकिन इससे भी बड़ी बात ये है कि इस महामारी ने हमें नई शिक्षा और संदेश भी दिया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ कोरोना वायरस संकट ने अपना सबसे बड़ा संदेश हमें दिया है कि हमें आत्मनिर्भर बनना पड़ेगा।’’ मोदी ने कहा ‘‘अब यह देखना बहुत जरूरी हो गया है कि गांव अपनी मूलभूत आवश्यकताओं के लिए कैसे आत्मनिर्भर बनें, जिला अपने स्तर पर, राज्य अपने स्तर पर, और इसी तरह पूरा देश कैसे आत्मनिर्भर बने ?’’ उन्होंने कहा, ‘‘ अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए हमें बाहर का मुंह नहीं देखना पड़े, अब यह बहुत आवश्यक हो गया है।’’ मोदी ने कहा कि भारत में ये विचार सदियों से रहा है लेकिन आज बदली हुई परिस्थितियों ने, हमें फिर ये याद दिलाया है कि आत्मनिर्भर बनो। हमारे देश की ग्राम पंचायतों की इसमें बहुत बड़ी भूमिका है। लॉकडाउन के नियमों का पालन करने के लिये लोगों की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके कारण ही दुनियाभर में भारत की चर्चा हो रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी ने हम सभी के काम करने के तरीके को बहुत बदल दिया है। मोदी ने कहा कि इतना बड़ा संकट आया, लेकिन इन 2-3 महीनों में हमने यह भी देखा कि भारत का नागरिक, सीमित संसाधनों के बीच, अनेक कठिनाइयों के सामने झुकने के बजाय उनसे मुकाबला कर रहा है। प्रधानमंत्री के साथ संवाद के दौरान देशभर की ग्राम पंचायतों के सरपंचों, सदस्यों आदि ने संकट से निपटने को लेकर अपने अपने अनुभव साझा किये और बताया कि लोग पूरे संकल्प के साथ लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं।ग्रामीण भारत के लोगों को उनकी संपत्ति का मालिकाना हक दिलाने और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए आज सरकार ने स्वामित्व योजना का शुभारंभ किया। pic.twitter.com/ySE3mRD8kw
— Narendra Modi (@narendramodi) April 24, 2020
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज की परिस्थिति में देश को आगे ले जाने की शुरुआत, देश को आत्मनिर्भर बनाने की शुरुआत, गाँव की सामूहिक शक्ति से ही होगी। उन्होंने साथ ही कहा ‘‘ इन प्रयासों के बीच , हमें यह याद रखना है कि किसी एक की भी लापरवाही पूरे गांव को खतरे में डाल सकती है। इसलिए ढील की ज़रा भी गुंजाइश नहीं है।’’ मोदी ने कहा कि गाँव में स्वच्छता अभियान हो, शहरों से आने वाले लोगों के लिए इतने कम समय में पृथक वास केंद्र बनाने का काम हो, हर एक व्यक्ति के खान-पान और जरूरतों की चिंता हो, या फिर आम लोगों को जागरूक करने का काम हो, ये सभी काम हमें निरंतर बिना रुके, बिना थके करना है। मोदी ने कहा, ‘‘ हमारा अतीत का अनुभव बताता है कि बीमारियों और उनके इलाज के बारे में गलत जानकारियों की वजह से हमें बीमारियों को रोकने में काफी समय लग गया। इस बार हमें ऐसा नहीं होने देना है। हमें हर प्रकार की गलतफहमी से लोगों को बाहर निकालना है।’’ उन्होंने कहा कि हम जो भी खाएं वो खूब धोकर और खूब पकाकर खाएं, इस बात को हमें गांव-गांव में बताना है। उन्होंने कहा, ‘‘ हमें ध्यान रखना है कि शारीरिक दूरी, मुंह को फेसकवर या मास्क से ढंकना और अपने हाथों की बार-बार साफ-सफाई ही आने वाले दिनों में भी हमारे लिए इस बीमारी से बचाव के सबसे बड़ी दवा है। ’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे यहां आयुर्वेदिक काढ़ा पीने की परंपरा है, अनेक प्रकार के मसालों का उपयोग हम करते हैं। इसके साथ-साथ अगर हम नियमित रूप से योग-प्राणायाम करेंगे, तो निश्चित रूप से हमें लाभ ही होगा। उन्होंने लोगों से आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करने का भी अनुरोध किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने एकीकृत ई-ग्रामस्वराज पोर्टल और मोबाइल ऐप का भी शुभारंभ किया। यह एकीकृत पोर्टल ग्राम पंचायतों को अपनी ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) तैयार करने और उसे कार्यान्वित करने के लिए एक स्थान पर सुविधा (इंटरफेस) प्रदान करेगा। प्रधानमंत्री ने स्वामित्व योजना का भी शुभारंभ की। यह योजना ड्रोन तकनीक से नवीनतम सर्वेक्षण विधियों का उपयोग करते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में रिहायशी भूमि के सीमांकन के लिए ग्रामीण भारत हेतु एक एकीकृत संपत्ति सत्यापन की सुविधा प्रदान करेगी।
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