SCO सम्मेलन के इतर राष्ट्रपति शी से मिले मोदी, बोले- बेहद सार्थक हुई चर्चा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आर्थिक एवं सांस्कृतिक संबंधों में सुधार के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लिया।
बिश्केक। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्होंने एससीओ शिखर सम्मेलन से इतर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से अत्यंत सार्थक मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण आयाम पर उनसे चर्चा की। उन्होंने आर्थिक एवं सांस्कृतिक संबंधों में सुधार के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लिया। पिछले महीने लोकसभा चुनाव में जीत के उपरांत मोदी के दोबारा प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद यह दोनों नेताओं की यह पहली मुलाकात है। इससे एक महीने पहले ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति ने पाकिस्तान के आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किया था। चीन ने उसे प्रतिबंधित करने के प्रस्ताव पर लगी अपनी तकनीकी रोक को हटा लिया था।
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राष्ट्रपति शी के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत के बाद मोदी ने ट्वीट किया, ‘राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ अत्यंत फलदायी मुलाकात की। हमारी बातचीत में भारत-चीन संबंध पूरे विस्तार से शामिल थे। हम अपने बीच आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को सुधारने में मिलकर काम करते रहेंगे।’ बैठक की शुरूआत में राष्ट्रपति शी ने प्रधानमंत्री मोदी को उनकी चुनावी विजय पर बधाई दी। मोदी ने जवाब दिया कि भारत में चुनाव परिणाम के बाद मुझे आपका संदेश मिला और आज एक बार फिर आप जीत पर मुझे बधाई दे रहे हैं। मैं इसके लिए आपका बहुत आभारी हूं।
शी ने पिछले महीने आम चुनाव जीतने पर मोदी को बधाई दी थी। परिणामों की आधिकारिक घोषणा से पहले ही चीनी राष्ट्रपति का बधाई संदेश किसी विदेशी नेता के लिहाज से दुर्लभ ही था। मोदी ने 15 जून को 66 वर्ष के होने जा रहे शी को बधाई देते हुए उनसे कहा कि सभी भारतीयों की ओर से मैं आपके जन्मदिन पर बहुत सारी शुभकामनाएं देता हूं। उन्होंने कहा कि जैसा कि आपने कहा, आने वाले दिनों में हम दोनों कई विषयों पर आगे बढ़ सकते हैं। हम दोनों को और अधिक काम करने के लिए एक साथ कार्यकाल मिला है। मोदी ने अपने प्रारंभिक उद्बोधन में शी से कहा कि वुहान में हमारी मुलाकात के बाद हमने अपने सबंधों में नयी रफ्तार और स्थिरता देखी है। दोनों पक्षों में रणनीतिक संवाद में तेज प्रगति हुई है, जिसकी वजह से दोनों एक दूसरे की चिंताओं और हितों को लेकर अधिक संवेदनशील हुए हैं। और उसके बाद से सहयोग बढ़ाने के नये क्षेत्र बने हैं।
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प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी की 2018 में वुहान में हुई मुलाकात को 73 दिन तक चले डोकलाम गतिरोध की वजह से तनावपूर्ण हुए रिश्तों में सहजता लाने का श्रेय दिया जाता है। वुहान वार्ता के बाद दोनों देशों ने सैन्य संबंधों समेत विभिन्न क्षेत्रों में रिश्तों को सुधारने के प्रयास तेज कर दिये थे। दोनों नेता पिछले पांच साल में 10 बार से ज्यादा मिल चुके हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि दोनों नेताओं ने गर्मजोशी से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं ने हमारे द्विपक्षीय संबंधों को प्रगाढ़ करने के सभी पहलुओं पर चर्चा की तथा हमारी साझेदारी को गहन करने में रणनीतिक संवाद की सकारात्मक भूमिका को रेखांकित किया।
Building on the momentum of high-level exchanges, PM @narendramodi had a warm meeting with Chinese President Xi Jinping. Leaders discussed all aspects of enriching our bilateral relations & recognised the positive role of strategic communication in deepening our partnership. pic.twitter.com/l4OYqLSvmy
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) June 13, 2019
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