सदन में गैर मौजूद रहने वाले सांसदों की मोदी ने की खिंचाई, बोले- सीखने का सर्वोच्च मंच है संसद
प्रधानमंत्री ने कहा कि संसद सांसदों के लिये सीखने का सर्वोच्च मंच है और सभी सांसदों को सक्रियता से संसद की कार्यवाही एवं चर्चा में हिस्सा लेना चाहिए।
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को उन सांसदों को कड़ी चेतावनी दी जो संसद में बहस के दौरान गैर हाजिर रहे। प्रधानमंत्री ने सदन में चर्चा के दौरान गैर हाजिर सांसदों को सख्त संदेश देते हुए कहा कि सांसदों की सदन में हाजिरी पर पार्टी करीब से नजर रख रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भाजपा संसदीय दल की बैठक में पार्टी सांसदों से विधायी प्रक्रिया के दौरान सदन में मौजूद रहने को कहा। उन्होंने कहा कि संसद सांसदों के लिये सीखने का सर्वोच्च मंच है और सभी सांसदों को सक्रियता से संसद की कार्यवाही एवं चर्चा में हिस्सा लेना चाहिए। प्रधानमंत्री ने बैठक में संकेत दिए कि बजट सत्र शुरू होने के बाद कुछ दिनों तक महत्वपूर्ण चर्चाओं के दौरान सदन से भाजपा के कई सांसदों के गैर हाजिर रहने के कारण वह नाराज हैं।
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सूत्रों ने बताया कि उन्होंने पार्टी सांसदों से पूछा कि आपको कैसा लगेगा, यदि आप अपना चुनाव दो लाख मतों से जीत जाएं लेकिन आपको पता चले कि आपके सबसे अच्छे दोस्त ने ही वोट नहीं दिया। आपको कैसा महसूस होगा यदि आपके निर्वाचन क्षेत्र में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की रैली अंतिम क्षणों में रद्द हो जाए? उन्होंने साथ ही कहा कि नेतृत्व को भी संसद से आपकी गैर हाजिरी पर भी यही महसूस होता है। समझा जाता है कि प्रधानमंत्री की नाराजगी इस बात को लेकर थी कि जब 21 जून को विधि मंत्री सदन में तीन तलाक बिल पेश कर रहे थे तब कम संख्या में पार्टी सांसद मौजूद थे।
Had a great @BJP4India Parliamentary Party meet earlier today. A wide range of issues were discussed. Looking forward to a fruitful session ahead. pic.twitter.com/X5uR1KS5Cv
— Narendra Modi (@narendramodi) July 2, 2019
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प्रधानमंत्री मोदी ने संसद में बेहतर उपस्थिति को लेकर लोजपा सांसद चिराग पासवान का उदाहरण दिया और भाजपा सांसदों से उनसे सीखने को कहा कि किस प्रकार से वह ससंदीय चर्चाओं में हिस्सा लेते हैं और इसके लिये तैयारी करके आते हैं। लोकसभा में तीन तलाक विधेयक पर मत विभाजन के दौरान समर्थन में 186 वोट और विरोध में 74वोट पड़े थे । यह स्थिति तब थी तब लोकसभा में भाजपा के 303 सांसद हैं। मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक 2019 को पेश करने के दौरान एआईएमआईएम के असादुद्दीन औवैसी ने मत विभाजन कराने की मांग की थी।
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