पिता होने की पीड़ा को PM मोदी नहीं समझ सकते: नीरज शेखर
राज्यसभा में सपा के एक सदस्य ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिता होने की पीड़ा नहीं समझ सकेंगे लेकिन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह इस दर्द को समझ सकते हैं
नयी दिल्ली। राज्यसभा में सपा के एक सदस्य ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिता होने की पीड़ा नहीं समझ सकेंगे लेकिन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह इस दर्द को समझ सकते हैं। उच्च सदन में आम बजट पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए सपा के नीरज शेखर ने कहा कि वह प्रधानमंत्री के इस कथन से सहमत हैं कि पकौड़े बेचना भी रोजगार है। उन्होंने कहा ‘काम छोटा या बड़ा नहीं होता। काम करने वाले सभी लोग समान होते हैं। उनकी अपनी गरिमा होती है।’
शेखर ने कहा कि जब पकौड़े बेचने वाला व्यक्ति अपना पेट काट काट कर अपने बेटे को पढ़ाता है तो वह चाहता है कि उसका बेटा डाक्टर या इंजीनियर बने। वह यह नहीं चाहता कि पढ़ लिख कर उसका बेटा उसके बगल में खड़े हो कर पकौड़े बेचे। उन्होंने कहा ‘मैं मानता हूं कि प्रधानमंत्री पिता होने की पीड़ा नहीं समझ सकेंगे। लेकिन कम से कम अमित शाह इस दर्द कोसमझ सकते हैं। जब देश के प्रधानमंत्री यह कहें कि आप पकौड़े बेचिये तो युवाओं के आत्मसम्मान पर क्या प्रभाव पड़ेगा, इसकी कल्पना नहीं की जा सकती।’
शेखर ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में 13 करोड़ युवा मतदान करने के पात्र होंगे और वह भाजपा को रोजगार के मुद्दे पर मुहंतोड़ जवाब देंगे। जब शेखर अपनी बात रख रहे थे तब सदन में अमित शाह मौजूद थे।
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