मंत्रियों पर सख्त हुए PM मोदी, कहा- जो रोस्टर ड्यूटी में उपस्थित नहीं रहते हैं, उनके बारे में बताया जाए

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[email protected] । Jul 16 2019 7:02PM

प्रधानमंत्री ने कहा कि सांसदों को अपने इलाके के अधिकारियों के साथ बैठक कर जनता की समस्याओं के बारे में बात करनी चाहिए। उन्होंने जोर दिया कि सांसदों और मंत्रियों को संसद में रहना चाहिए।

नयी दिल्ली। संसद में अनुपस्थित रहने को लेकर सांसदों की प्राय: खिंचाई करने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अब इसे लेकर केन्द्रीय मंत्रियों पर ध्यान केन्द्रित करते हुए संसद में उनकी गैर मौजूदगी पर अप्रसन्नता जतायी तथा रोस्टर ड्यूटी पूरी न करने वाले मंत्रियों के बारे में जानकारी मांगी। मोदी ने मंगलवार को भाजपा संसदीय दल की बैठक में कहा कि जो मंत्री रोस्टर ड्यूटी में उपस्थित नहीं रहते हैं, उनके बारे में उसी दिन शाम तक उन्हें बताया जाए। उन्होंने पूर्व में इस बात पर कई बार अप्रसन्नता जतायी थी। पिछले एक महीने में वह इस विषय पर दूसरी बार अपनी नाखुशी जाहिर कर चुके हैं। इस बार प्रधानमंत्री ने अपना ध्यान मंत्रियों की ओर केंद्रित करते हुए कहा कि संसद में भाग लेना केवल सांसदों का ही काम नहीं है। सूत्रों ने बताया, ‘‘जैसा की प्रधानमंत्री मोदी पहले भी कह चुके हैं कि संसद सत्र में उपस्थिति के मामले में कोई भी अपवाद नहीं हो सकता है। सभी के लिये चर्चाओं में भाग लेना अनिवार्य है।’’ प्रधानमंत्री ने पार्टी सांसदों से कहा कि उन्हें राजनीति के साथ साथ सामाजिक क्षेत्र में भी काम करना चाहिए। साथ ही जनता की समस्याओं को संसद में उठाना चाहिए। सूत्रों ने यह भी बताया कि बैठक में मोदी ने यह भी कहा कि अगर सरकार के विधायी एजेंडे को पूरा करने के लिये जरूरी हुआ तब चालू सत्र को आगे बढ़ाया जा सकता है। 

सूत्रों ने हालांकि यह भी बताया कि सत्र की अवधि को बढ़ाया जाना अभी सरकार के एजेंडे में नहीं है। संसद का वर्तमान सत्र 26 जुलाई तक चलेगा। मोदी ने भाजपा सांसदों से कहा कि वे अपने संसदीय क्षेत्र के विकास में अग्रणी भूमिका निभायें और कुष्ठ एवं तपेदिक (टीबी) रोगों के उन्मूलन जैसे मानवीय संवेदनाओं से जुड़े मुद्दे उठायें। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने संवाददाताओं को यह जानकारी दी। वहीं, सूत्रों के अनुसार, भाजपा संसदीय दल की बैठक में मोदी ने सांसदों से कहा कि पहली बार जो प्रभाव पड़ता है, उसका असर अंत तक बना रहता है। इस बार भाजपा में अधिकतर सांसद पहली बार जीत कर आये हैं।  मोदी ने कहा कि सांसदों को अपने क्षेत्रों के विकास के लिए दिल लगा कर काम करना चाहिए।प्रधानमंत्री मोदी ने आज संसद भवन लाइब्रेरी में हुई भाजपा संसदीय दल की बैठक को संबोधित किया। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के सामने जल संकट है और इसके हल के लिए सांसदों को काम करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि सांसदों को अपने इलाके के अधिकारियों के साथ बैठक कर जनता की समस्याओं के बारे में बात करनी चाहिए। उन्होंने जोर दिया कि सांसदों और मंत्रियों को संसद में रहना चाहिए। 

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प्रधानमंत्री ने सांसदों से कहा कि वे सरकारी काम और योजनाओं में बढ़ चढ़ कर भाग लें, सामाजिक कार्यों में हिस्सा लें और जब संसद सत्र चल रहा हो तो सदन में उपस्थित रहें। उन्होंने कहा कि सांसदों को अपने अपने क्षेत्र में जाकर सरकार की योजनाओं के बारे में जनता को बताना चाहिए। जोशी ने बताया कि प्रधानमंत्री ने सांसदों से कहा कि उन्हें मानवीय संवेदनाओं से जुड़े मुद्दों या सामाजिक विषयों को एक ‘‘मिशन’’ के तौर पर लेना चाहिए तथा सांसद के रूप में अपना दायित्व निभाना चाहिए। मोदी ने महात्मा गांधी का स्मरण करते हुए कुष्ठ रोग और तपेदिक (टीबी) जैसे रोगों का उल्लेख किया।  जोशी ने बताया कि मोदी ने सांसदों से कहा कि वे अपने संसदीय क्षेत्र के विकास के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ काम करें। उन्होंने आकांक्षी जिलों का जिक्र करते हुए सांसदों से कहा कि वे उनकी प्रगति के लिए अधिकारियों के साथ समन्वय करें। अल्पविकसित जिलों को आधिकारिक रूप से आकांक्षी जिलों का नाम दिया गया है।प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि सांसद अपने संसदीय क्षेत्र के लिए कोई एक नवोन्मेषी काम करें। जिला प्रशासन के साथ मिलकर काम करें और राजनीति के साथ साथ सामाजिक काम करें। बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी आदि मौजूद थे। गौरतलब है कि पिछले मंगलवार को हुई संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने सभी सांसदों को 2 अक्टूबर (गांधी जयंती) से लेकर 31 अक्टूबर (सरदार पटेल जयंती) तक अपने-अपने क्षेत्र में 150 किलो मीटर पदयात्रा निकालने का निर्देश दिया था।

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