PM को महिला विरोधी अपराधों पर काला दिवस मनाना चाहिए था: सुष्मिता देव
सुष्मिता ने एक बयान में कहा, ‘‘देश में 2014 से अघोषित आपातकाल लगा हुआ है। किसी को बोलने की आज़ादी नहीं है, किसी को लिखने की आज़ादी नहीं है, कभी नोटबंदी की मार तो कभी जी.एस.टी. की मार से देश बेहाल है।
नयी दिल्ली। अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव ने एक अंतरराष्ट्रीय सर्वेक्षण में भारत को ‘महिलाओं के लिए सबसे खतरनाक देश’ करार दिए जाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि उन्हें 43 साल पहले लगे आपातकाल के बजाय मौजूदा समय में हो रहे महिला विरोधी अपराधों पर ‘काला दिवस’ मनाना चाहिए था।
सुष्मिता ने एक बयान में कहा, ‘‘देश में 2014 से अघोषित आपातकाल लगा हुआ है। किसी को बोलने की आज़ादी नहीं है, किसी को लिखने की आज़ादी नहीं है, कभी नोटबंदी की मार तो कभी जी.एस.टी. की मार से देश बेहाल है। छोटे उधोग धंधे, किसान मजदूर रोज़ आत्महत्या कर रहे है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन के सर्वे के मुताबिक, हर एक घंटे में देश में चार बलात्कार हो रहे है। आज देश में बच्चे भी सुरक्षित नहीं हैं। मोदी जी को इसे काला दिवस के रूप मनाना चाहिए था।’’
भाजपा ने आपातकाल के 43 साल पूरा होने के मौके पर कल ‘काला दिवस’ मनाया था। केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तुलना जर्मन तानाशाह एडोल्फ हिटलर से किए जाने पर सुष्मिता ने कहा, ‘‘इंदिरा गांधी न केवल हिंदुस्तान में बल्कि पूरी दुनिया में पहली शक्तिशाली महिला नेता के रूप में पहचानी जाती हैं। मोदी जी और भाजपा को उनका त्याग, संघर्ष, बलिदान याद करना चाहिए। स्वतंत्रता सेनानियों को बदनाम करने की मोदी और भाजपा की यह कोशिश बहुत ही घटिया है। गौरतलब है कि ‘थॉमसन रायटर्स फाउंडेशन’ की सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया है कि यौन हिंसा के बढ़े खतरे के कारण भारत महिलाओं के लिये विश्व का सबसे खतरनाक देश बन गया है।
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