तमिलनाडु से आंध्र प्रदेश और तेंलगाना हो रही ऑक्सीजन की आपूर्ति रोकें PM : पलानीस्वामी

Palaniswami

उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में कहा कि राज्य सरकार संक्रमितों की संख्या को कम करने के लिए सभी प्रयास कर रही है लेकिन मौजूदा परिपाटी को देखते हुए तमिलनाडु को जल्द ही 450 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत होगी जो राज्य की उत्पादन क्षमता 400 मीट्रिक टन से अधिक है।

चेन्नई।  तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने रविवार को कहा कि राज्य से 80 मीट्रिक तरल ऑक्सीजन आंध्र प्रदेश और तेलंगाना को भेजी जा रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की कि राज्य में बढ़ते मामलों के मद्देनजर इसे रोका जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय योजना के तहत तमिलनाडु को आवंटित ऑक्सीजन ‘अपर्याप्त’ और ‘गलत’ है और इसे दूसरे राज्यों को भेजने से ‘बड़ा संकट उत्पन्न’ हो जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑक्सीजन पर निर्भर कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की बढ़ती संख्या की वजह से मेडिकल ऑक्सीजन की मांग बढ़ी है और इसलिए तमिलनाडु में इसकी प्रर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में कहा कि राज्य सरकार संक्रमितों की संख्या को कम करने के लिए सभी प्रयास कर रही है लेकिन मौजूदा परिपाटी को देखते हुए तमिलनाडु को जल्द ही 450 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत होगी जो राज्य की उत्पादन क्षमता 400 मीट्रिक टन से अधिक है। पलानीस्वामी ने ऑक्सीजन की बढ़ती मांग को इंगित करते हुए कहा कि पिछले साल महामारी के चरम पर होने पर उपचाराधीन मरीजों की संख्या 58 हजार के करीब थी लेकिन इस बार इनकी संख्या पहले ही एक लाख को पार कर चुकी है। उन्होंने कहा कि इस परिस्थिति में तमिलनाडु को राष्ट्रीय मेडिकल ऑक्सीजन आवंटन के तहत 220 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आवंटित की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस गलत आवंटन की वजह से राज्य के श्रीपेरम्बदूर उत्पादन केंद्र से 80 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु को की जा रही है। उन्होंने पेट्रोलियम एवं विस्फोटक सुरक्षा संगठप (पेसो) के खपत आंकड़ों के हवाले से कहा कि तमिलनाडु में ऑक्सीजन की मांग पहले ही 310 मीट्रिक टन तक पहुंच गई जबकि ‘अपर्याप्त आवंटन’ 220 टन का है। पलानीस्वामी ने कहा, ‘‘इसलिए, मैं अनुरोध करता हूं कि तमिलनाडु के श्रीपेरम्बदूर संयंत्र से 80 मीट्रिक टन ऑक्सीजन को दूसरे राज्य भेजने के फैसले को तत्काल रद्द किया जाए।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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