PM ने युवाओं से कहा, राजनीतिक वंशवाद लोकतंत्र का सबसे बड़ा दुश्मन, इसे जड़ से खत्म किया जाना चाहिए
स्वामी विवेकानंद जी ने भारत को उसकी वो ताकत याद दिलाई और एहसास कराया। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने एक और अनमोल उपहार दिया है। ये उपहार है, व्यक्तियों के निर्माण का, संस्थाओं के निर्माण का। इसकी चर्चा बहुत कम ही हो पाती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दूसरे राष्ट्रीय युवा संसद समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद की जन्म जयंती के ये दिन हम सभी को नई प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा कि आज का दिन विशेष इसलिए भी हो गया है कि इस बार युवा संसद देश की संसद के सेंट्रल हॉल में हो रही है। ये सेंट्रल हॉल हमारे संविधान के निर्माण का गवाह है। मोदी ने कहा कि स्वामी जी की प्ररेणा ने आज़ादी की लड़ाई को नई ऊर्जा दी थी। गुलामी के लंबे कालखंड ने भारत को हज़ारों वर्षों की अपनी ताकत और ताकत के एहसास से दूर कर दिया था। स्वामी विवेकानंद जी ने भारत को उसकी वो ताकत याद दिलाई और एहसास कराया। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने एक और अनमोल उपहार दिया है। ये उपहार है, व्यक्तियों के निर्माण का, संस्थाओं के निर्माण का। इसकी चर्चा बहुत कम ही हो पाती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि लोग स्वामी जी के प्रभाव में आते हैं, संस्थानों का निर्माण करते हैं, फिर उन संस्थानों से ऐसे लोग निकलते हैं जो स्वामी जी के दिखाए मार्ग पर चलते हुए नए लोगों को जोड़ते चलते हैं। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति बेहतर व्यक्तियों के विकास और बेहतर व्यक्तियों से देश बनाने पर केंद्रित है। यह नीति हमारे युवाओं की समझ, उनके निर्णयों और उनके विश्वासों को प्राथमिकता देती है। स्वामी जी कहते थे, पुराने धर्मों के मुताबिक नास्तिक वो है जो ईश्वर में भरोसा नहीं करता। लेकिन नया धर्म कहता है, नास्तिक वो है जो खुद में भरोसा नहीं करता। ये स्वामी जी ही थे, जिन्होंने उस दौर में कहा था कि निडर, बेबाक, साफ दिल वाले, साहसी और आकांक्षी युवा ही वो नींव है जिस पर राष्ट्र के भविष्य का निर्माण होता है। वो युवाओं पर, युवा शक्ति पर इतना विश्वास करते थे। हमारा युवा खुलकर अपनी प्रतिभा और अपने सपनों के अनुसार खुद को विकसित कर सके इसके लिए आज एक environment और इकोसिस्टम तैयार किया जा रहा है। शिक्षा व्यवस्था हो, सामाजिक व्यवस्था हो या कानूनी बारीकियां, हर चीज में इन बातों को केंद्र में रखा जा रहा है।Swami Ji stressed equally on physical and mental strength.
— BJP (@BJP4India) January 12, 2021
He said - 'Muscles of iron and nerves of steel'.
Inspired from his teachings, we're specially focusing on the mental and physical fitness of Indian youth.
- PM @narendramodi #YuvaShaktiWithModi pic.twitter.com/BIslZOwev4
इस कार्यक्रम में लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू और केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल मौजूद रहें। प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले देश में ये धारणा बन गई थी कि अगर कोई युवक राजनीति की तरफ रुख करता था तो घर वाले कहते थे कि बच्चा बिगड़ रहा है। क्योंकि राजनीति का मतलब ही बन गया था- झगड़ा, फसाद, लूट-खसोट, भ्रष्टाचार। लोग कहते थे कि सब कुछ बदल सकता है लेकिन सियासत नहीं बदल सकती। लेकिन आज राजनीति में ईमानदार लोगों को भी मौका मिल रहा है। Honesty और Performance आज की राजनीति की पहली अनिवार्य शर्त होती जा रही है। भ्रष्टाचार जिनकी legacy थी, उनका भ्रष्टाचार ही आज उन पर बोझ बन गया है। वो लाख कोशिशों के बाद भी इससे उभर नहीं पा रहे हैं।The politics of nepotism is seeing its last days. It hasn't ended completely though.
— BJP (@BJP4India) January 12, 2021
There are still people who only want to do politics to save their family's stand in politics. This sort of politics keeps 'Nation First' second & 'My family & my benefits' as its first priority pic.twitter.com/kOEH0SU6W7
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मोदी ने दावा किया कि भाई-भतीजावाद की राजनीति अपने आखिरी दिनों को देख रही है। हालांकि यह पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है। अभी भी ऐसे लोग हैं जो केवल राजनीति में अपने परिवार के रुख को बचाने के लिए राजनीति करना चाहते हैं। इस तरह की राजनीति में नेशन फर्स्ट दूसरे नंबर पर रहता है और माय फैमिली एंड माय बेनिफिट्स को अपनी पहली प्राथमिकता के रूप में रखती है। भारत के युवाओं को परिवार-आधारित राजनीति की इस प्रथा को समाप्त करने के लिए राजनीति में प्रवेश करने की आवश्यकता है। हमारी लोकतांत्रिक प्रथाओं को बचाना महत्वपूर्ण है। युवाओं को सेंट्रल हॉल तक पहुंचने की जरूरत है और भविष्य में राष्ट्र का नेतृत्व करने के लिए हमें अपना अगला गेन तैयार करना होगा।
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