PMO की नाक के नीचे हुआ देश का सबसे बड़ा बैंक घोटालाः कांग्रेस
कांग्रेस ने अरबपति आभूषण कारोबारी नीरव मोदी द्वारा करीब 11, 400 करोड़ की चपत लगाकर देश से भाग निकलने को ‘सबसे बड़ा बैंक लूट घोटाला’ करार देते हुए आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार पर तीखा हमला बोला।
कांग्रेस ने अरबपति आभूषण कारोबारी नीरव मोदी द्वारा करीब 11, 400 करोड़ की चपत लगाकर देश से भाग निकलने को ‘सबसे बड़ा बैंक लूट घोटाला’ करार देते हुए आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार पर तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि ‘‘यह सब पीएमओ की नाक के ठीक नीचे हुआ।’’ प्रधानमंत्री मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद पिछले साढ़े तीन साल में कोई भ्रष्टाचार नहीं होने के दावे की हवा निकालने के लिए कांग्रेस ने इस मामले को तेजी से लपकते हुए सरकार से सवाल किया कि आखिर वे कौन लोग हैं जो इस मामले के आरोपी नीरव मोदी और मेहुल चौकसी को बचा रहे हैं?
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने आज संवाददाताओं को बताया कि हरि प्रसाद नामक एक व्यक्ति ने 26 जुलाई 2016 को एक लिखित शिकायत के जरिये इस मामले से प्रधानमंत्री को अवगत कराया था और प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस तरह की शिकायत मिलने की बात को स्वीकार भी किया था। उन्होंने कहा कि पीएमओ को शिकायत मिलने के बाद भी वित्त मंत्रालय, उसकी वित्तीय खुफिया इकाई तथा अन्य एजेंसियां इस मामले में आंखें मूंदे क्यों बैठे रहीं।
सुरजेवाला ने दावा कि इस घोटाले से जुड़े मामलों में 42 प्राथमिकी पहले ही दर्ज की जा चुकी थीं जिनकी जानकारी पीएमओ में की गयी शिकायत में दी गयी थी। उन्होंने कहा कि पीएमओ को मामले की जानकारी होने के बावजूद पीएनबी द्वारा नौ से 14 फरवरी 2017 के बीच आरोपियों को करोड़ों रूपये मूल्य के शपथपत्र कैसे जारी किये गये? सरकारी स्वामित्व वाले पंजाब नेशनल बैंक ने बुधवार को कहा कि उसने 1.77 अरब डॉलर (तकरीबन 11400 करोड़ रुपये) के घोटाले का पता लगाया है। इसके तहत नीरव मोदी ने मुंबई में बैंक की एक शाखा से कथित तौर पर फर्जी शपथ पत्र हासिल किये ताकि अन्य भारतीय ऋणदाताओं से विदेशी ऋण हासिल कर सके।
इसी मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी की सरकार पर तीखा हमला करते हुए अपने ट्वीट में सवाल किया कि आखिर नीरव मोदी को कानून के शिकंजे से बचकर देश से बाहर कैसे निकल जाने दिया गया? उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इससे पहले आईपीएल से जुड़े मामले के आरोपी ललित मोदी और बैंकों से करोड़ों रूपये के ऋण नहीं चुकाने के आरोपी उद्योपगपति विजय माल्या को भी लगभग इसी प्रकार देश से बाहर जाने दिया गया।
राहुल गांधी के साथ सुरजेवाला ने भी प्रधानमंत्री मोदी के जनवरी 2018 में दावोस में विश्व आर्थिक मंच की शिखर बैठक में भाग लेने के लिए उनके साथ गये व्यवसायियों के प्रतिनिधिमंडल नीरव मोदी के साथ होने को लेकर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में समूचे बैंक क्षेत्र की जोखिम प्रबंधन प्रणाली और ‘‘धोखाधड़ी पहचान क्षमता’’ पर सवाल लग गये हैं। उन्होंने कहा कि कैसे पूरी व्यवस्था की अनदेखी की गयी? कैसे यह पूरी धोखाधड़ी सभी आडिटरों एवं जांचकर्ताओं की निगाह से बच गयी? सुरजेवाला ने सवाल किया, ‘‘क्या यह इस बात की ओर इंगित नहीं करता कि उच्चतम स्तर पर सांठगांठ है? नीरव मोदी, मोहुल चौकसी को कौन बचा रहा है?’’
सरकार के कुछ मंत्रियों द्वारा इस घोटाले के 2011 से ही होने के बारे में दिये जा रहे तर्कों पर प्रतिक्रिया पूछने पर सुरजेवाला ने कहा कि यह सब सरकार की विषय से ध्यान बंटाने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि जब यह मामला जुलाई 2016 में पीएमओ के संज्ञान में आ गया था तो इसे अभी तक क्यों नहीं रोका जा सका। उन्होंने कहा कि ‘‘सरकार पिछले 70 साल इस सबसे बड़े बैंक लूट घोटाले की जवाबदेही से नहीं बच सकती।’’
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