पुलिस ने हनी ट्रैप मामले में अखबार मालिक से पूछताछ की बात नकारी, कांग्रेस ने कहा- सचाई सामने आए

honey-trap case

अधिकारियों ने बताया कि मानव तस्करी और दुष्कर्म समेत 47 आपराधिक मामलों में पिछले सात महीने से वांछित जितेंद्र सोनी उर्फ जीतू (62) को पुलिस ने पड़ोसी गुजरात से रविवार सुबह धर दबोचा था।

इंदौर। पुलिस ने मंगलवार को कहा कि वह कुख्यात हनी ट्रैप मामले में एक स्थानीय सांध्य दैनिक के मालिक से पूछताछ नहीं कर रही है क्योंकि इस हाईप्रोफाइल सेक्स कांड की विस्तृत छानबीन के लिए पहले ही अलग से विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित है। पुलिस का कहना है कि आरोपी से पूछताछ मानव तस्करी और डांस बार में लड़कियों से जबरन काम कराने के सिलसिले में की जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि मानव तस्करी और दुष्कर्म समेत 47 आपराधिक मामलों में पिछले सात महीने से वांछित जितेंद्र सोनी उर्फ जीतू (62) को पुलिस ने पड़ोसी गुजरात से रविवार सुबह धर दबोचा था। उसकी गिरफ्तारी पर करीब 1.5 लाख रुपये का इनाम घोषित था। वह एक स्थानीय अदालत के आदेश पर तीन जुलाई तक पुलिस की हिरासत में है। 

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यह पूछे जाने पर कि हनी ट्रैप मामले के ऑडियो-वीडियो सोनी के पास कैसे पहुंचे थे, पुलिस अधीक्षक (पूर्वी क्षेत्र) विजय खत्री ने यहां संवाददाताओं से कहा कि हनी ट्रैप मामले की जांच पहले से गठित एसआईटी द्वारा की जा रही है। लिहाजा हम इस मामले में सोनी से बिल्कुल भी पूछताछ नहीं कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि सोनी से मुख्य तौर पर उसके डांस बार माय होम में महिलाओं की मानव तस्करी और उनसे बार डांसर के रूप से जबरन काम कराये जाने के आरोपों को लेकर पूछताछ की जा रही है। संगीन आपराधिक मामलों में गिरफ्तार सोनी, इंदौर के सांध्य दैनिक संझा लोकस्वामी का मालिक और प्रधान संपादक भी है। पिछले साल के अंत में उसके डांस बार, दो बंगलों, होटल और रेस्तरां समेत अलग-अलग ठिकानों पर पुलिस व प्रशासन की बड़ी कार्रवाई से ऐन पहले, शाम का यह अखबार हनी ट्रैप मामले में फंसे राजनेताओं और नौकरशाही से जुड़े रसूखदार लोगों से कथित रूप से संबंधित ऑडियो-वीडियो पर आधारित खबरें प्रकाशित और प्रसारित कर रहा था। 

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हनी ट्रैप गिरोह की पांच महिलाओं और उनके ड्राइवर को भोपाल और इंदौर से सितंबर 2019 में गिरफ्तार किया गया था। गिरोह खुफिया कैमरों से अंतरंग पलों के वीडियो बनाकर अपने शिकारों को इस आपत्तिजनक सामग्री के बूते ब्लैकमेल करता था। इस खुलासे के कुछ दिन बाद राज्य सरकार ने मामले की विस्तृत जांच के लिये एसआईटी गठित की थी। इस बीच, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला ने कहा, कमलनाथ की अगुवाई वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने माफियारोधी अभियान के तहत हनी ट्र्रैप गिरोह का भंडाफोड़ किया था। लेकिन मार्च में भाजपा ने सूबे की सत्ता संभालने के बाद इस अहम मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। उन्होंने कहा, पुलिस को निष्पक्ष तरीके से जांच करते हुए हनी ट्रैप मामले की पूरी सचाई जनता के सामने लानी चाहिये।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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