पश्चिम बंगाल में बदला-बदला है राजनीतिक मिजाज, टीएमसी के गढ़ में भी लहरा रहा भगवा झंडा

saffron flags
अंकित सिंह । Apr 8 2021 5:46PM

घोष उत्तर बंगाल विकास विभाग के मंत्री भी थे। पिछले चुनाव में मत प्रतिशत की बात करें तो तृणमूल कांग्रेस को 46.72% लिफ्ट को 38.63% और भाजपा को महज 10 % के आसपास मत हासिल हुए थे।

पश्चिम बंगाल में एक विधानसभा क्षेत्र है नटबरी। बंगाल के यह कूचबिहार इलाके में पड़ता है। यह कूचबिहार लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। अब तक यहां जितने भी चुनाव हुए हैं उनमें मुकाबला लेफ्ट, कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच ही रही है। अब तक यहां कोई नहीं जानता था कि भाजपा क्या है? यहां के लोग या तो जोड़ा फूल को या फिर कस्ता-हथुरी को ही जानते थे। पिछले चुनाव की बात करें तोतृणमूल कांग्रेस के रविंद्र नाथ घोष ने जीत हासिल की थी। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी लेफ्ट के तामसर अली को 16157 वोटों से हराया था। घोष उत्तर बंगाल विकास विभाग के मंत्री भी थे। पिछले चुनाव में मत प्रतिशत की बात करें तो तृणमूल कांग्रेस को 46.72% लिफ्ट को 38.63% और भाजपा को महज 10 % के आसपास मत हासिल हुए थे।

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नटबरी में इस बार माहौल बदला-बदला नजर आ रहा है। जैसे ही आप नटबरी के भुजंगमरी में जाएंगे तो दोनों ओर आपको बड़े-बड़े पोस्टर और बैनर दिखाई देंगे। एक ओर जहां वहां के लोगों से अपने बेटे रविंद्र नाथ घोष को जिताने की टीएमसी की पोस्टर दिखेगी तो वहीं दूसरी ओर भगवा रंग के झंडे दिखाई देंगे। दूसरी ओर के पोस्टर में बड़ा सा फोटो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की होगी जिसमें लिखा होगा विकास के लिए मत करें। मिहिर गोस्वामी को वोट दें। आपको बता दें कि नटबरी से भाजपा की ओर से मिहिर गोस्वामी उम्मीदवार है। पिछले अक्टूबर तक मिहिर गोस्वामी और रविंद्र नाथ घोष एक साथ थे। दोनों टीएमसी को मजबूत करने के लिए काम करते रहे हैं। मिहिर गोस्वामी 2016 में टीएमसी की ओर से कूचबिहार दक्षिण सीट से जीत चुके है। इस बार वे भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा ने उन्हें नटबरी से टिकट दे दिया। 

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अब नटबरी में मुकाबला दिलचस्प हो गया है। जहां टीएमसी ने मार्च की शुरुआत में ही नटबरी से अपने उम्मीदवार का ऐलान कर दिया था तो वहीं भाजपा ने कुछ समय लिया। फिलहाल चुनाव प्रचार में देखें तो दोनों ही दलों की ओर से खूब जमकर प्रचार किया जा रहा है। तृणमूल जहां गांव गांव पहुंचने की कोशिश कर रही है वहीं भाजपा की ओर से लगातार कोशिश हो रही है कि ज्यादा आबादी वाले वोटर्स को अपनी ओर आकर्षित किया जाए। वातावरण में गर्मी के साथ-साथ यहां चुनावी गर्मी भी खूब है। कुच बिहार में जिस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभा करने पहुंचे थे उस दिन वहां की तापमान 40 डिग्री थी। नटबरी के ग्रामिण इलाके में तृणमूल कांग्रेस के झंडे का बोलबाला है। लेकिन हम ऐसे इलाके में पहुंचे जहां केसरिया झंडे ने नीले और सफेद झंडे को कम कर दिया था। 

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हमें मिले एक व्यक्ति ने बताया कि यहां ग्राम पंचायत खत्म हो रही है। हमने पाया कि पार्टी के झंडे की तरह यहां के लोगों के मिजाज भी बदले हैं। एक व्यक्ति ने बताया कि टीएमसी सरकार ने यहां के लिए कुछ भी नहीं किया है। इस बार मेरा वोट बदलाव के लिए जाएगा। बेहतर काम के लिए और बेहतर भविष्य के लिए जाएगा। दिनभर इलाके में घूमने के बाद हमारी नजर एक दुकान पर पड़ी। दुकान के एक साइड की दीवार पर भाजपा वाला पोस्टर दिखाई दे रहा था और टीएमसी सरकार को बाहर करने का आह्वान किया गया था। तो दूसरी ओर ममता बनर्जी के लिए वोट करने का लिखा हुआ था। उसमें यह भी लाइन लिखा था बंगाल को अपनी बेटी चाहिए। हालांकि हमने सफर के दौरान लेफ्ट को मैदान में नहीं देखा। कुल मिलाकर हमने यही रेखा की नटबरी में मुकाबला इस बार दिलचस्प हो गया है। 

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