श्रीनगर लोकसभा सीट पर फारूक अब्दुल्ला को राजनीतिक नौसिखुओं की चुनौती
सज्जाद गनी लोन नीत पीपुल्स कांफ्रेंस ने कारोबारी इरफान अंसारी को टिकट दिया है, जो शिया नेता एवं पूर्व मंत्री इमरान अंसारी के छोटे भाई हैं। उन्होंने कहा कि वह युवा पीढ़ी का नेतृत्व करते हैं।
श्रीनगर। अपने 42 साल के राजनीतिक करियर में सिर्फ एक बार चुनावी शिकस्त का सामना करने वाले नेशनल कांफ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला को जम्मू कश्मीर की श्रीनगर सीट से चौथी बार लोकसभा में प्रवेश करने की संभावना नजर आ रही है। दरअसल, पीडीपी और भाजपा ने क्षेत्र के 83 वर्षीय इस दिग्गज नेता के खिलाफ राजनीतिक नौसिखुओं को चुनाव मैदान में उतारा है। श्रीनगर सीट पर दूसरे चरण के चुनाव के तहत 18 अप्रैल को मतदान होगा। गौरतलब है कि अब्दुल्ला को 2014 के लोकसभा चुनाव में पीडीपी उम्मीदवार तारिक हमीद कारा से शिकस्त का सामना करना पड़ा था। लेकिन 2017 के उपचुनाव में अब्दुल्ला ने पीडीपी के नजीर अहमद खान को हरा दिया था।
Sri Farooq Abdullah and Sri @ncbn participated in road show at #Kurnool yesterday #MeeBhavishyattuNaaBadhyata#TDPMission150#APRisesWithCBN #VoteForCycle pic.twitter.com/BbJ9av2yMZ
— Telugu Desam Party (@JaiTDP) March 27, 2019
इसके बाद कारा कांग्रेस में शामिल हो गए थे, जिसने अब्दुल्ला के खिलाफ कोई उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया है। इस तरह, इस बार अब्दुल्ला को मुख्य चुनौती पीडीपी के अगा सैयद मोहसीन से है, जिन्होंने 2014 का लोकसभा चुनाव निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लड़ा था और मात्र 16000 वोट पाया था। सज्जाद गनी लोन नीत पीपुल्स कांफ्रेंस ने कारोबारी इरफान अंसारी को टिकट दिया है, जो शिया नेता एवं पूर्व मंत्री इमरान अंसारी के छोटे भाई हैं। उन्होंने कहा कि वह युवा पीढ़ी का नेतृत्व करते हैं।
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वहीं, राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि मोहसीन के रूप में एक ‘कमजोर’ उम्मीदवार उतार कर पीडीपी ने श्रीनगर लोकसभा सीट संभवत: नेकां प्रमुख की झोली में डाल दी है। हालांकि, पीडीपी प्रवक्ता हरबख्श सिंह ने कहा है कि चुनाव मैदान में मोहसीन को खारिज करना गलत होगा। वह एक प्रमुख शिया नेता हैं। भाजपा प्रवक्ता खालिद जहांगीर भी इस सीट से चुनाव मैदान में हैं। हालांकि, उन्होंने कभी चुनाव नहीं लड़ा है। उल्लेखनीय है कि 1980 में चुनावी राजनीति में उतरने के बाद से अब्दुल्ला सिर्फ एक बार चुनाव हारे हैं।
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