राजनेताओं के मन में पैदा करना चाहते हैं वोट का डर: करणी सेना
राजपूत संगठन करणी सेना का दावा है कि उसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है लेकिन वह राजनेताओं के मन में ‘वोट की चोट’ का डर जरूर पैदा करना चाहते है।
इंदौर। राजपूत संगठन करणी सेना का दावा है कि उसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है लेकिन वह राजनेताओं के मन में ‘वोट की चोट’ का डर जरूर पैदा करना चाहते है। अयोध्या में राम जन्मभूमि पर भव्य महल के निर्माण और शिक्षा तथा नौकरियों में आरक्षण व्यवस्था की समीक्षा की मांगों पर करणी सेना इन दिनों मुखर है। करणी सेना के संस्थापक लोकेंद्र सिंह कालवी ने आज यहां संवाददाताओं से कहा कि हम एक विशुद्ध गैर राजनीतिक संगठन हैं। लेकिन हम राजनेताओं के मन में ‘वोट की चोट’ का डर पैदा करना चाहते हैं, ताकि वे लोगों की भावनाएं समझें। हम अपनी मांगों के संबंध में हर पार्टी का सहयोग लेना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि अयोध्या में भगवान राम का जन्म किसी मंदिर में नहीं, बल्कि राजमहल में हुआ होगा। इसलिये हम चाहते हैं कि राम जन्मभूमि पर भव्य महल बने। कालवी ने एक सवाल पर कहा कि हम इस झगड़े में पड़ना ही नहीं चाहते कि राम जन्मभूमि पर मंदिर बने या मस्जिद। उन्होंने कहा कि करणी सेना यह भी चाहती है कि संविधान प्रदत्त बराबरी के अधिकार की पृष्ठभूमि में मौजूदा आरक्षण व्यवस्था पर देश में बहस हो और विचार किया जाये कि इस प्रणाली का किस वर्ग को कितना फायदा और कितना नुकसान हुआ।
कालवी ने कहा कि हमारा नारा है-आरक्षित को संरक्षण, उपेक्षित को आरक्षण। फिल्म "पद्मावत" में इतिहास के साथ छेड़छाड़ के आरोप पर बरकरार रहते हुए करणी सेना संस्थापक ने यह मांग भी कि देश में ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर बनी फिल्मों पर विवाद खत्म करने के लिये "प्री-सेंसर बोर्ड" बनना चाहिये।
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