नियंत्रित किया जा सकता है पराली से होने वाला प्रदूषण पर राजनीतिक इच्छशक्ति की कमी है: केजरीवाल 

Kejriwal

केजरीवाल ने एक डिजिटल संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पराली जलाने पर रोक और वायु प्रदूषण पर काबू के लिए प्रभावित राज्यों के बीच कोई समझौता नहीं हो सका है।

नयी दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने वायु प्रदूषण पर काबू के लिए सोमवार को केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के साथ मासिक बैठकें करने का अनुरोध किया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस मुद्दे के हल के लिए राज्यों के स्तर पर राजनीतिक इच्छाशक्ति का अभाव है। केजरीवाल ने एक डिजिटल संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पराली जलाने पर रोक और वायु प्रदूषण पर काबू के लिए प्रभावित राज्यों के बीच कोई समझौता नहीं हो सका है। उन्होंने कहा, मेरा मानना ​​है कि पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण पर बहुत कम समय में काबू पाया जा सकता है। लेकिन ऐसा करने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी दिखाई देती है। केजरीवाल ने कहा कि फसल अवशेषों को जैव-अपघटित किया जा सकता है या उसे बायोगैस, कोयले और यहां तक ​​कि कार्डबोर्ड में भी बदला जा सकता है। उन्होंने कहा कि धान के पुआल को संपीडित (कंप्रेस) कर बायोगैस या कुकिंग कोल में बदला जा सकता है। 

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हरियाणा के करनाल में कुछ कारखाने ऐसा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि फसल अवशेषों को एक साल के भीतर अवसर में बदला’’ जा सकता है, बशर्ते पराली जलाने पर रोक के लिए एक निश्चित समयसीमा हो। केजरीवाल ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु गुणवत्ता बनाए रखने के लिए दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के साथ मासिक बैठकें करने का अनुरोध किया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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