Prabhasakshi Vichar Sangam| सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर भारत, प्रोफेसर गौरव वल्लभ ने रखे अपने विचार
आज के समय में भी दुनिया के सबसे युवा देश का खिताब भारत के पास है। ये खिताब कब तक भारत के पास रहने वाला है, ये भविष्य में चिंता का विषय है क्योंकि कुछ राज्यों में डेमोग्रैफिक डिविडेंड के लिए नौकरियों की भरमार नहीं है। देश में लगभग 1.2 करोड़ लोग नौकरी मांगने के लिए आते है।
भारत के प्रमुख हिंदी समाचार पोर्टल प्रभासाक्षी.कॉम की 23वीं वर्षगाँठ पर नई दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में 'विचार संगम' कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में पहले वक्ता के तौर पर प्रोफेसर गौरव वल्लभ ने हिस्सा लिया है।
कार्यक्रम में शिरकत करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल में भारत की एवरेज ग्रोथ 5.93 है, जिसमें कोरोना काल भी शामिल है, जिसमें दुनिया की अर्थव्यवस्था की ग्रोथ नेगेटिव थी। जब नरेंद्र मोदी ने 2014 में सेवा देने का काम किया, तब जीडीपी के हिसाब से देश की रैंकिंग दुनियाभर में 9वें नंबर पर थी, लेकिन आज देश पांचवे नंबर पर है।
उनके पास कोई विकल्प नहीं है क्योंकि कोई अन्य देश नहीं है जो इतना स्थिर देश है। भारत पूर्ण रूप से स्थिर देश है जो संविधान के जरिए ही काम करता है। वर्ष 2004 में जब यूपीए ने सत्ता पर कब्जा जमाया था, तब 2004 में भारत 12वें स्थान पर था। भारत ने 5.9 के स्तर पर विकास कर रहे है। भारत आज तीसरी पायदान पर जीडीपी के मामले में पहुंच चुका है। आगामी 20 वर्षों में भारत सबसे शीर्ष पर पहुंचने की कगार पर बना हुआ है। जीडीपी का बढ़ना भारत के लिए अच्छा है मगर इसके कुछ नुकसान भी भारत को उठाने पड़ रहे है।
आज के समय में भी दुनिया के सबसे युवा देश का खिताब भारत के पास है। ये खिताब कब तक भारत के पास रहने वाला है, ये भविष्य में चिंता का विषय है क्योंकि कुछ राज्यों में डेमोग्रैफिक डिविडेंड के लिए नौकरियों की भरमार नहीं है। देश में लगभग 1.2 करोड़ लोग नौकरी मांगने के लिए आते है। भारत की रोजगार दर गिरी है। जीडीपी की बात करी हमने क्या हम पर कैपिटा इनकम के हिसाब से भी बने हुए है। 2500 डॉलर पर भारत की पर कैबिटा इनकम है। जबकि चीन की स्थिति 12500 डॉलर है। ऐसे में दोनों देशों में पर कैपिटा इनकम में काफी फर्क देखने को मिलता है। अमेरिका की पर कैपिटा इनकम 81000 डॉलर है। हमारी इच्छा है कि हमारी पर कैपिटा इनकम में इजाफा हो और भारत शीर्ष तीन में बना रहे।
उन्होंने कहा कि भारत को इस खास मुकाम तक पहुंचाने के लिए ये यात्रा जारी रखनी है। यात्रा तबतक जारी रहेगी जबतक हम तीसरी सबसे बड़ी पर कैपिटा इनकम के स्तर पर ना पहुंच जाएं। जबतक ये लक्ष्य हासिल नहीं होता तबतक निरंतर काम जारी रखना है। हम तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनेंगे।
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