Prabhasakshi Vichar Sangam|भारत के अन्नदाताओं के लिए कब बदलेंगे हालात, राकेश टिकैत ने दी जानकारी
सरकार बात नहीं करती है। सरकार ने अंतिम बार 2021 में बात की थी। सरकार किसानों से उनकी जमीन मांगती है। सरकार ने जमीन का रेट नहीं बढ़ाया है। सरकार फसलों की कीमत का पर्याप्त भुगतान नहीं करती है। किसानों का नकारात्मक पक्ष प्रेस के जरिए पेश हो रहा है।
भारत के प्रमुख हिंदी समाचार पोर्टल प्रभासाक्षी.कॉम की 23वीं वर्षगाँठ पर नई दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में 'विचार संगम' कार्यक्रम के आयोजन में किसान नेता राकेश टिकैत ने भारत के अन्नदाताओं के लिए कब बदलेंगे हालात जैसे बेहद महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा की है।
उन्होंने कहा कि ये ऐसी सरकार है जो किसानों से बात नहीं करती है। सरकार ने अंतिम बार 2021 में बात की थी। सरकार किसानों से उनकी जमीन मांगती है। सरकार ने जमीन का रेट नहीं बढ़ाया है। सरकार फसलों की कीमत का पर्याप्त भुगतान नहीं करती है। किसानों का नकारात्मक पक्ष प्रेस के जरिए पेश हो रहा है। सरकार अपनी बात कैसे रखे। सरकार की पॉलिसी ऐसी है जिससे आम जनता भी प्रभावित है। आमलोग भी इससे प्रभावित हुए है। किसान पूंजीवाद के खिलाफ है। किसानों को अपने 10 वर्ष पुराने ट्रैक्टर चलाने की इजाजत भी नहीं है। किसानों की फसलों के दाम नहीं बढ़े है। किसानों के हालातों को जानने और समझने की जरुरत है।
आने वाले समय में कई जगहों से किसान संगठन बनेंगे। भारत लेबर कंट्री बनेगा। सिर्फ बड़े घरानों के हाथ में ही सब रहेगा। देश में ऐसे हालात हैं कि छोटे दुकानदार, छोटे व्यापार खत्म हो जाएंगे। ब्राजील में 285 लोगों के हाथ में ही वहां कि अधिकतर जमीन है। ऐसे ही स्थिति हो सकती है। देश में गरीबों के विपरित कोई काम नहीं होना चाहिए। कृषि मंत्री ने अबतक कोई मुलाकात नहीं की है।
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