पाइका विद्रोह को प्रथम स्वाधीना संग्राम का नाम दिया जाएगा: प्रकाश जावडेकर

भुवनेश्वर। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि 1817 के पाइका विद्रोह को अगले अकादमिक सत्र से इतिहास की पाठ्य पुस्तकों में ‘प्रथम स्वतंत्रता संग्राम’ के रुप में स्थान मिलेगा। जावडेकर ने पाइका विद्रोह की द्विशती पर एक कार्यक्रम में यह घोषणा की और कहा कि केंद्र ने देशभर में इसके द्विशती समारोह मनाने के लिए 200 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं। उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘पाइका विद्रोह इतिहास की पुस्तकों में ब्रिटिश शासन के खिलाफ प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के तौर पर स्थान हासिल करेगा। ’’
पाइका ओड़िशा के गजपति शासकों के तहत कृषक मिलिशया थे जिन्होंने युद्ध के दौरान राजा को अपनी सैन्य सेवा उपलब्ध करायी थी। उन्होंने 1817 में ही बक्सी जगंधु विद्याधारा के नेतृत्व में ब्रिटिश हुकुमत के खिलाफ बगावत की थी। ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने केंद्र को पत्र लिखकर उससे अपील की थी कि उसे पाइका विद्रोह को ब्रिटिश शासन के खिलाफ प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के रुप में मान्यता देना चाहिए क्योंकि यह 1857 के सिपाही विद्रोह से चार दशक पहले हुआ था। फिलहाल 1857 के सिपाही विद्रोह को प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम माना जाता है।
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