पुलवामा हमले पर प्रणब मुखर्जी ने कहा: आतंकवादियों के अमानवीय कृत्य से दुखी हूं

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[email protected] । Feb 15 2019 7:18PM

उच्च न्यायालय ने निचली अदालत द्वारा पांच अन्य -खोखर, नौसेना से सेवानिवृत्त अधिकारी कैप्टन भागमल गिरधारी लाल तथा पूर्व विधायकों महेन्द्र यादव और किशन खोखर की दोषसिद्धि तथा उन्हें सुनाई गई सजा को बरकरार रखा था।

नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 1984 में हुए सिख विरोधी दंगा मामले में दोषी ठहराए गए बलवान खोखर की पैरोल याचिका पर आप सरकार से शुक्रवार को जवाब मांगा। बलवान को कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के साथ इस मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। न्यायमूर्ति नाजमी वजीरी ने दोषी की ओर से दाखिल याचिका पर आप सरकार को नोटिस जारी किया। याचिका में दोषी ने कहा है कि वह दिल्ली उच्च न्यायालय के 17 दिसंबर 2018 के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में विशेष अवकाश याचिका दाखिल करने के लिए एक माह की पैरोल चाहता है। 

उच्च न्यायालय ने 17 दिसंबर 2018 को निचली अदालत के उस फैसले को खारिज कर दिया था जिसमें कुमार को एक-दो नवंबर 1984 को पालम कॉलोनी के राज नगर पार्ट-1में पांच सिखों की हत्या तथा राज नगर पार्ट-2 में एक गुरुद्वारे को जलाने के मामले में आरोपमुक्त कर दिया था। ये दंगे तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के थे। 

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उच्च न्यायालय ने निचली अदालत द्वारा पांच अन्य -खोखर, नौसेना से सेवानिवृत्त अधिकारी कैप्टन भागमल गिरधारी लाल तथा पूर्व विधायकों महेन्द्र यादव और किशन खोखर की दोषसिद्धि तथा उन्हें सुनाई गई सजा को बरकरार रखा था। 

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