प्रणब ने बजट प्रक्रिया मार्च में पूरी करने पर जेटली की पीठ थपथपाई

[email protected] । Apr 9 2017 7:42PM

राष्ट्रपति ने बजट प्रक्रिया 31 मार्च तक पूरा करने और लेखानुदान नहीं लाने के लिये वित्त मंत्री की आज सराहना की। कई वर्षों के बाद यह पहला मौका है जब लेखानुदान लाने की आवश्यकता नहीं पड़ी।

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बजट प्रक्रिया 31 मार्च तक पूरा करने और लेखानुदान नहीं लाने के लिये वित्त मंत्री अरुण जेटली की आज सराहना की। कई वर्षों के बाद यह पहला मौका है जब लेखानुदान लाने की आवश्यकता नहीं पड़ी। राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मैं वित्त मंत्री को बजट प्रक्रिया, सभी व्यय प्रस्ताव और वित्त विधेयक से संबंधित सभी मामलों को 31 मार्च तक संसद के दोनों सदनों से मंजूरी प्राप्त करने को लेकर बधाई देता हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कई साल बाद लेखानुदान पेश नहीं किया गया। मुझे याद नहीं आता कि कितने साल बाद ऐसा हुआ है।’’

नये वित्त वर्ष के लिये बजट के पारित नहीं होने पर लेखानुदान पेश किया जाता है। इस अंतरिम व्यवस्था के तहत जरूरी खर्च के लिये देश की संचित निधि से धन निकासी हेतु संसद की मंजूरी ली जाती है। मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन में लकी ग्राहक योजना और डिजि धन व्यापार योजना के ‘मेगा ड्रा’ के बाद यह बात कही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने इस साल बजट एक महीने पहले एक फरवरी को पेश किया। अब तक इसे 28 फरवरी या माह की अंतिम तारीख को पेश किये जाने की परंपरा थी। इस कदम का मकसद नये वित्त वर्ष की शुरूआत एक अप्रैल से ही निवेश शुरू करने के लिये सरकार की मदद करना है। करीब एक सदी से रेल बजट को अलग से पेश करने की चली आ रही परंपरा को भी समाप्त किया गया और इसे आम बजट में मिला दिया गया। राष्ट्रपति ने 12 अंकों वाला विशिष्ट पहचान संख्या आधार का जिक्र करते हुए कहा कि यह देश की वृद्धि की कहानी में एक ‘ऐतिहासिक घटना’ है।

प्रणब मुखर्जी ने कहा, ‘‘आधार युक्त भुगतान प्रणाली से डिजिटल भुगतान उन लोगों के लिये भी संभव हुआ है जिनके पास मोबाइल फोन नहीं है..भीम एप की शुरूआत ने डिजिटल भुगतान को और आसान बनाया है।’’ मुखर्जी ने कहा कि भारत को नकद रहित समाज बनने के लिये लंबा रास्ता तय करना है। उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में सरकार की पहल अच्छी शुरूआत है और समाज के सभी तबकों की प्रभावी भागीदारी के साथ हमें इसे टिकाउ बनाना है और इसका विकास करना है।’’ राष्ट्रपति ने जोर देकर कहा कि चलन में नकदी में कमी लाने की आवश्यकता है और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिये सुरक्षित डिजिटल भुगतान के तरीकों को बढ़ावा देने की जरूरत है। सरकार ने पिछले वर्ष नवंबर में पुराने 500 और 1,000 रुपये के नोटों पर पाबंदी के बाद देश में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिये कई उपाय किये। सरकार ने देश में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिये 25 दिसंबर 2016 को ग्राहकों के लिये लकी ग्राहक योजना तथा व्यापारियों के लिये डिजि धन व्यापार योजना शुरू की। इन योजनाओं का क्रियान्वयन पेशनल पेमेंट कारपोरेशन आफ इंडिया कर रहा है। ड्रा के जरिये चुने गये विजेताओं को प्रधानमंत्री मोदी 14 अप्रैल को नागपुर में पुरस्कृत करेंगे।

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