दलित बनाम दलित की लड़ाई नहीं है राष्ट्रपति चुनाव: येचुरी
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा है कि आगामी राष्ट्रपति चुनाव ''दलित बनाम दलित'' की लड़ाई नहीं है, बल्कि भारतीय गणतंत्र की रक्षा और इसे मजबूत बनाने की लड़ाई है।
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा है कि आगामी राष्ट्रपति चुनाव 'दलित बनाम दलित' की लड़ाई नहीं है, बल्कि भारतीय गणतंत्र की रक्षा और इसे मजबूत बनाने की लड़ाई है। येचुरी ने दावा किया कि विपक्ष की लड़ाई एक ऐसे उम्मीदवार के खिलाफ गणतंत्र की रक्षा की है, जिसे इस गणतंत्र की आधारशिला एवं हमारे मौलिक मूल्यों को नष्ट करने पर तुली पार्टियों का समर्थन प्राप्त है।
अपने फेसबुक पोस्ट में येचुरी ने दावा किया कि सरकार और खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसे समय में चुप्पी साध रखी है, जब भीड़ की ओर से दलितों और खासकर अल्पसंख्यकों को अपना निशाना बनाने की घटनाओं में काफी बढ़ोत्तरी दर्ज की गयी है। येचुरी ने लिखा, 'कुछ लोग इसे 'दलित बनाम दलित' की लड़ाई बता रहे हैं, लेकिन यह ऐसा मुद्दा नहीं है। यह भारतीय गणतंत्र की रक्षा और इसे मजबूत बनाने की हमारी लड़ाई है।
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