राष्ट्रपति कोविंद ने केरल के ईसाई समदाय को भारत का गौरव बताया

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[email protected] । Aug 7 2018 3:30PM

कोविंद ने कहा कि दूसरे व्यक्ति की मदद करना, उनके दुख दूर करना और ज्ञान की रोशनी फैलाना ईश्चर की सबसे बड़ी सेवा है और सेंट थॉमस इस पवित्र संस्कृति का हिस्सा है।

त्रिशूर (केरल)। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने केरल के ईसाई समुदाय की आज प्रशंसा की और कहा कि यह इस बात का संकेत है कि विविधता और अनेकता के प्रति भारत की प्रतिबद्धता से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। यहां सेंट थॉमस कॉलेज के शताब्दी वर्ष के उद्घाटन समारोह के मौके पर आज कोविंद ने कहा कि समुदाय की विरासत और इतिहास देश के लिए ‘‘असीम गौरव’’ का विषय है।

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘केरल का समुदाय केवल भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर में सबसे पुराने समुदायों में से एक है।’’ उन्होंने कहा कि शिक्षा का असल मूल्य डिग्री नहीं बल्कि यह सीखने में है कि हम साथी लोगों की किस तरह मदद करते हैं। कोविंद ने कहा कि दूसरे व्यक्ति की मदद करना, उनके दुख दूर करना और ज्ञान की रोशनी फैलाना ईश्चर की सबसे बड़ी सेवा है और सेंट थॉमस इस पवित्र संस्कृति का हिस्सा है।

पिछले वर्ष इथिओपिया के अपने दौरे में राष्ट्रपति ने कहा था कि वह यह जानकर प्रभावित हुए कि वहां के लोग भारतीय शिक्षकों की सेवा को याद करते हैं। केरल और समुदाय के कई लोगों ने इथिओपिया की कई पीढि़यों को शिक्षा प्रदान की है। कोविंद ने कहा कि केरल के दो पूर्व मुख्यमंत्री ईएमएस नम्बूदिरिपाड और सी अच्युत मेनन इसी कॉलेज से पढ़े हैं। आध्यात्मिक गुरू स्वामी चिन्मयानंद भी यहां के छात्र रह चुके हैं।

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