'आत्मनिर्भर भारत अभियान' विश्व व्यवस्था को और अधिक न्यायपूर्ण बनाएगा: राष्ट्रपति कोविंद
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘यह स्व-विश्वास, स्व-प्राचुर्य का नेतृत्व करने के बारे में है। हम वस्तुओं की उपलब्धता और सेवाओं को मजबूत कर वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधानों को कम करने की दिशा में योगदान करना चाहते हैं।’’
नयी दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को कहा कि ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ विश्व व्यवस्था को और अधिक न्यायपूर्ण एवं निष्पक्ष बनाएगा तथा यह व्यापक सहयोग और शांति को बढ़ावा देगा। उन्होंने 16वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन 2021 को संबोधित करते हुए कहा कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विचार का मतलब स्वकेंद्रित प्रबंध करने तथा देश को अपने में सीमित करने से नहीं है। राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘यह स्व-विश्वास, स्व-प्राचुर्य का नेतृत्व करने के बारे में है। हम वस्तुओं की उपलब्धता और सेवाओं को मजबूत कर वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधानों को कम करने की दिशा में योगदान करना चाहते हैं।’’
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कोविंद ने कहा, ‘‘भारत का ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ विश्व व्यवस्था को और अधिक न्यायपूर्ण एवं निष्पक्ष बनाएगा तथा यह व्यापक सहयोग और शांति को बढ़ावा देगा।’’ उन्होंने कहा कि भारत की वैश्विक आकांक्षाओं को समझने में हमारे समुदाय की महत्वपूर्ण भूमिका है। हमारा समुदाय विश्व में हमारी झलक है तथा वैश्विक मंच पर वह भारत के हितों का प्रणेता है।
The idea of ‘Self Reliant India’ or ‘Aatma-Nirbhar Bharat’ does not mean seeking self-centered arrangements or turning the country inwards. It is about self-belief leading to self-sufficiency. pic.twitter.com/Z3onD8iE4d
— President of India (@rashtrapatibhvn) January 9, 2021
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