12 साल से कम उम्र के बच्चे से बलात्कार पर मृत्युदंड के अध्यादेश को राष्ट्रपति की मंजूरी

President's signature on the provision of capital punishment on rape to children below 12 years of age
[email protected] । Apr 22 2018 12:24PM

12 साल से कम उम्र की बच्चियों से बलात्कार के मामलों में दोषियों को मृत्युदंड सहित सख्त सजा के प्रावधान वाले अध्यादेश पर राष्ट्रपति ने हस्ताक्षर किया। इसके बाद आज से यह कानून देशभर में लागू हो गया है।

नई दिल्ली। 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से बलात्कार के मामलों में दोषी ठहराये गये व्यक्तियों को मृत्युदंड सहित सख्त सजा देने संबंधी अध्यादेश को आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी दे दी। केंद्रीय कैबिनेट ने कल उस अध्यादेश को अपनी स्वीकृति दी थी जिसके तहत 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से बलात्कार करने के दोषी ठहराये गये व्यक्ति के लिये अदालत को मृत्युदंड की सजा की इजाजत दी गई है। आपराधिक कानून (संशोधन) अध्यादेश 2018 के अनुसार ऐसे मामलों से निपटने के लिये नयी त्वरित अदालतें गठित की जायेंगी और सभी पुलिस थानों एवं अस्पतालों को बलात्कार मामलों की जांच के लिए विशेष फॉरेंसिक किट उपलब्ध करायी जायेगी। 

अध्यादेश का हवाला देते हुए अधिकारियों ने बताया कि इसमें विशेषकर 16 एवं 12 साल से कम उम्र की लड़कियों से बलात्कार के मामलों में दोषियों के लिये सख्त सजा की अनुमति है। 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से बलात्कार के दोषियों को मौत की सजा देने की बात इस अध्यादेश में कही गई है।उन्होंने बताया कि महिलाओं से बलात्कार मामले में न्यूनतम सजा सात साल से 10 साल सश्रम कारावास की गई जो अपराध की प्रवृत्ति को देखते हुए उम्रकैद तक भी बढ़ाया जा सकता है। 16 साल से कम उम्र की लड़कियों से सामूहिक बलात्कार के दोषी के लिये उम्रकैद की सजा का प्रावधान बरकरार रहेगा। 16 साल से कम उम्र की लड़कियों के बलात्कार मामले में न्यूनतम सजा 10 साल से बढ़ाकर 20 साल की गई और अपराध की प्रवृत्ति के आधार पर इसे बढ़ाकर जीवनपर्यंत कारावास की सजा भी किया जा सकता है। यानी दोषी को मृत्यु होने तक जेल की सजा काटनी होगी। 

अधिकारी ने बताया कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), साक्ष्य अधिनियम , आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और यौन अपराधों से बाल सुरक्षा (पोक्सो) अधिनियम को अब संशोधित माना जायेगा। अध्यादेश में मामले की त्वरित जांच एवं सुनवाई की भी व्यवस्था है।अधिकारियों ने बताया कि बलात्कार के सभी मामलों में सुनवाई पूरी करने की समय सीमा दो माह होगी। साथ ही, 16 साल से कम उम्र की लड़कियों से बलात्कार या सामूहिक बलात्कार के आरोपी व्यक्ति को अंतरिम जमानत नहीं मिल सकेगी। 

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