पूर्ववर्ती सरकार ने किसानों का वोट बैंक के रूप में किया इस्तेमाल: मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि जब हम किसानों की समस्या के समाधान की बात करते हैं तो पहले की सच्चाइयों को स्वीकार करना जरूरी है।
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि भाजपा सरकार किसानों की समस्याओं का समाधान निकालने के लिये काम कर रही है जबकि पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत सरकार के दौरान किसानों का ‘वोट बैंक’ के रूप में इस्तेमाल किया गया। भाजपा की राष्ट्रीय परिषद की बैठक के समापन सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हम किसानों की समस्या के समाधान की बात करते हैं तो पहले की सच्चाइयों को स्वीकार करना जरूरी है। पहले जिनके पास किसानों की समस्याओं का हल निकालने का जिम्मा था, उन्होंने शॉर्टकट निकाले और किसानों को सिर्फ मतदाता बनाए रखा।
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उन्होंने कहा, ‘हम अन्नदाता को ऊर्जादाता भी बनाना चाहते हैं। हमारी सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को न सिर्फ लागू किया बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि किसानों को एमएसपी का डेढ़ गुना दाम मिले।’ मोदी ने कहा कि कोशिशों में हमने कोई कमी नहीं छोड़ी है और ये आगे भी जारी रहेंगी। साल 2022 तक किसान अपनी आय दोगुनी करने के साधन जुटा सके इसके लिए हम दिन रात जुटे हुए हैं। हम किसानों के लिए बहुत कुछ करना चाहते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले दाल की कीमतों को लेकर कितना हल्ला मचाया जाता था। अब कितने दिन हो गए कि टीवी पर दाल की कीमतों पर ब्रेकिंग न्यूज नहीं आई। यह संभव हुआ क्योंकि हमारी सरकार ने नई नीतियां बनाई हैं।
जब हम किसानों की समस्या के समाधान की बात करते हैं तो पहले की सच्चाइयों को स्वीकार करना जरूरी है। पहले जिनके पास किसानों की समस्याओं का हल निकालने का जिम्मा था, उन्होंने शॉर्टकट निकाले और किसानों को सिर्फ मतदाता बनाए रखा।
— BJP (@BJP4India) January 12, 2019
हम अन्नदाता को ऊर्जादाता बनाना चाहते हैं : पीएम #NaMoAgain pic.twitter.com/1oE7pRTy7J
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उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार ने अपने आखिरी पांच साल में किसानों से 7 लाख मीट्रिक टन दलहन और तिलहन की खरीद की। वहीं हमने बीते साढ़े चार साल में 95 लाख मीट्रिक टन उपज किसानों से खरीदी। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह नहीं कह रहे हैं कि सभी समस्याओं का समाधान निकाल लिया गया है, अभी काफी कुछ करना है। लेकिन चुनौतियां चाहे जितनी बड़ी हो, प्रयास उतने ही ईमानदार होंगे। कोशिशों में कोई कमी नहीं होगी।
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