कर्नाटक के घटनाक्रमों के लिए प्रधानमंत्री और अमित शाह माफी मांगें: कांग्रेस

Prime Minister and Amit Shah apologize for Karnataka issues: Congress
[email protected] । May 21 2018 6:09PM

पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता आंनद शर्मा ने कहा कि ''प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष शाह को चुनाव में धन के उपयोग को लेकर उपदेश देने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।

नयी दिल्ली। कर्नाटक में हालिया राजनीतिक घटनाकर्मो को लेकर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा निशाना साधे जाने पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने आज कहा कि राज्य में 'सत्ता हासिल करने के लिए धनबल और सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग करने के लिए' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शाह को देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए। पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता आंनद शर्मा ने कहा कि 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष शाह को चुनाव में धन के उपयोग को लेकर उपदेश देने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।' उन्होंने कहा, 'संवैधानिक नियमों की धज्जियां उड़ाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा अध्यक्ष को माफी मांगनी चाहिए।'शर्मा ने आरोप लगाया, 'ये प्रधानमंत्री नहीं बल्कि ऐसे प्रचार मंत्री हैं जिनसे प्रचार में मुकाबला करना मुश्किल है।' 

शर्मा ने कहा कि 26 मई को चार साल पूरा होने पर मोदी को कोई जश्न नहीं, बल्कि 'प्रायश्चित दिवस' के तौर पर मनाना चाहिए और देश को धोखा देने के लिए माफी मांगनी चाहिए।उन्होंने कहा, 'कर्नाटक प्रकरण में भाजपा के दोहरे मापदंड और सत्ता की भूख को सबने देखा। लेकिन विधायक अपनी विचारधारा पर खड़े रहे और भाजपा के मंसूबे विफल रहे।'शर्मा ने कहा, 'उमीद थी कि आज शाह माफी मांगने के लिए प्रेस वार्ता करेंगे। लेकिन ये लोग इतनी मोटी चमड़ी के हैं कि इनको शर्म नहीं है। इनको विधायकों को अगवा करने, पैसे के इस्तेमाल और सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग के लिए कर्नाटक और देश की जनता से माफी मांगनी चाहिये।' उन्होंने कहा, 'अमित शाह शायद संविधान और कानून के बारे में अज्ञानी हैं या वो इनका सम्मान नहीं करते।"कांग्रेस नेता ने कहा, 'अमित शाह कह रहे हैं कि अगर विधायक रिजॉर्ट में नहीं होते तो नतीजा कुछ और होता।किस तरह से नतीजा और होता? मैं सिर्फ मिसाल के तौर पर रहा हूं कि खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे।'उन्होंने दावा किया, 'इन लोगों को प्रजातंत्र में कितना विश्वास है यह कर्नाटक में स्पष्ट हो गया। 

भाजपा ने कर्नाटक में लगभग 6500 करोड़ रुपये खर्च किये। अपने हर प्रत्याशी को 20-20 करोड़ रुपये दिये। जांच होनी चाहिए कि ये पैसे कहां से आये हैं।'उन्होंने कहा, 'इनके दोहरे मापदंड को लोग जान चुके हैं। काले धन के खिलाफ बात करते हैं, लेकिन कालेधन के कुबेर ये लोग खुद हैं।'शर्मा ने कहा कि प्रगतिशील और धर्मनिरपेक्ष दलों का साथ आना एक अच्छा कदम है। कांग्रेस का वोट प्रतिशत भाजपा से दो फीसदी ज्यादा है।उन्होंने कहा कि सबसे बड़े दल का आधार गोवा और मणिपुर में क्यों लागू नहीं हुआ? इनका सिद्धांत और नियम राज्य में स्थिति के हिसाब से बदलता रहता है।यूपीएससी रैंक की बजाय फाउंडेशन कोर्स में प्रदर्शन के आधार पर कैडर आवंटन के सरकार के सुझाव पर शर्मा ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार सभी संस्थाओं पर हमले कर रही है और वह सिविल सेवा को कमजोर करना चाहती है।

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