प्रधानमंत्री का आर्थिक पैकेज जुमला है, जीडीपी का एक प्रतिशत से कम है: पृथ्वीराज चव्हाण

Prithviraj Chavan

विश्व की 10 प्रमुख वित्तीय संस्थाओं ने कहा है कि मोदी के आर्थिक पैकेज में वास्तविक खर्च करीब 0.7 प्रतिशत से 1.5 प्रतिशत होगी। यह आर्थिक पैकेज के खोखलेपन का खुलासा करता है।

मुंबई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज को सोमवार को एक ‘जुमला’ करार दिया। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का महज एक प्रतिशत खर्च कर रहा है और 10 प्रतिशत नहीं, जैसा कि राजग सरकार ने दावा किया है। कोरोना वायरस महामारी के चलते आई आर्थिक मंदी से निपटने के लिये प्रधानमंत्री ने हाल ही में इस पैकेज की घोषणा की थी। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री चव्हाण, मनमोहन सिंह नीत संप्रग सरकार में कई साल तक प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में मंत्री रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आत्मनिर्भर अभियान और 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का बखान कर रहे हैं। जबकि खर्च की क्षमता बढ़ाने में सिर्फ दो लाख करोड़ रुपये व्यय होंगे, जो बाजार में बहुत कम मांग पैदा करेगा। शेष 18 लाख करोड़ रुपये ऋण देने की विभिन्न योजनाएं हैं।’’ उल्लेखनीय है कि चव्हाण ने इस साल अप्रैल में 21 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की मांग की थी। चव्हाण ने कहा, ‘‘विश्व की 10 प्रमुख वित्तीय संस्थाओं ने कहा है कि मोदी के आर्थिक पैकेज में वास्तविक खर्च करीब 0.7 प्रतिशत से 1.5 प्रतिशत होगी। यह आर्थिक पैकेज के खोखलेपन का खुलासा करता है।’’ 

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उन्होंने कहा कि 2008 में आर्थिक संकट के दौरान राष्ट्र को दिशानिर्देशित करने के लिये मनमोहन सिंह का नेतृत्व था, जबकि मोदी सरकार से ऐसी कोई आशा नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘किसी को भी इस बारे में यकीन नहीं है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश को इस संकट से निकाल सकती हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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