बाढ़ की वजह से केरल की स्थिति भयावह, PM मोदी ने लिया जायजा

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[email protected] । Aug 18 2018 12:41PM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भीषण बाढ़ का सामना कर रहे केरल की बाढ़ स्थिति की समीक्षा आज कोच्चि में आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक में की।

तिरुवनंतपुरम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भीषण बाढ़ का सामना कर रहे केरल की बाढ़ स्थिति की समीक्षा आज कोच्चि में आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक में की। इससे पहले ऐसी खबरें थी कि प्रधानमंत्री का हेलीकॉप्टर खराब मौसम की वजह से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के हवाई सर्वेक्षण के लिए उड़ान नहीं भर पाया। हालांकि राज्य और केंद्र सरकार से अब तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

प्रधानमंत्री कार्यालय ने (पीएमओ) ने एक ट्वीट में कहा, 'प्रधानमंत्री एक उच्च स्तरीय बैठक में केरल में बाढ़ स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं।' मोदी कल रात राज्य की राजधानी में रूकने के बाद बाढ़ की स्थिति का हवाई सर्वेक्षण और विभिषिका का जायजा लेने कोच्चि रवाना हो गए। इसी बीच राज्य के विभन्न हिस्सों में आज सुबह से बारिश शुरू हो गई है जिससे बचाव एवं राहत कार्य में रूकावट होने की चिंता पैदा हो गई है।

चेंगन्नूर, चलाकुडी, त्रिशुर और एर्नाकुलम जिला का विभिन्न हिस्सा बाढ़ से बेहद प्रभावित है। इन इलाकों में आज बचाव कार्य पर ध्यान केंद्रित होने की संभावना है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि पिछले चार दिन से फंसे कुछ दूरदराज इलाकों में बाढ़ मे लोगों को बाहर निकालने का एक मात्र विकल्प हेलीकॉप्टर ही है। राज्य सरकार ने और अधिक हेलीकॉप्टर की मांग की है।

चेंगन्नूर के विधायक साजी चेरियन ने कहा कि हजारों लोग खाने-पीने की चीजों के बिना घरों में फंसे हुए हैं और अगर इनकी जिंदगियों को बचाने के लिए तत्काल कदम नहीं उठाया गया तो इनकी जान को खतरा हो सकता है। चेरियन ने आज सुबह एक समाचार चैनल से कहा, 'पिछले पांच दिनों से कई स्थानों पर लोग बिना खाना-पानी के हैं। हमें तत्काल खाद्य पदार्थ, दवाई, पानी की जरूरत है। लोगों को तत्काल एयरलिफ्ट करने की जरूरत है। सेना, नौसेना और वायु सेना की तरफ से तत्काल बचाव की जरूरत है।'

राज्य आपदा प्रबंधन के नियंत्रण कक्ष से मिली सूचना के मुताबिक आठ अगस्त से अब तक 194 लोगों की जानें जा चुकी है और 36 लोग लापता हैं। वहीं राज्य में 3.14 लाख लोग राहत शिविर में हैं। मौजूदा मौसम की रिपोर्ट के मुताबिक तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, अलप्पुझा, पथानमथिट्टा, कोट्टयम, इडुक्की और एर्नाकुलम जिले में 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने के साथ ही भारी बारिश की आशंका जताई गई है। राज्य में पिछले 100 साल में आए सबसे ज्यादा भयानक बाढ़ का सामना कर रहा है। यहां 80 बांधों को खोला गया है और सभी नदियों में बाढ़ जैसी है।

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