शनिवार को वाराणसी और गाजीपुर में रहेंगे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
सरकारी विज्ञप्ति में बताया गया कि चावल अनुसंधान संस्थान दक्षिण एशिया और दक्षेस देशों में चावल के अनुसंधान एवं प्रशिक्षण का प्रमुख केन्द्र बनेगा। मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं, जो नवंबर 2017 में अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान के फिलीपीन स्थित मुख्यालय गये।
लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार को वाराणसी और गाजीपुर में रहेंगे। यह दो महीने में प्रधानमंत्री की अपने निर्वाचन क्षेत्र की दूसरी यात्रा होगी। वाराणसी में वह ‘राष्ट्रीय बीज अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र‘ के परिसर में ‘अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान’ और ‘दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केन्द्र’ को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। सरकारी विज्ञप्ति में बताया गया कि चावल अनुसंधान संस्थान दक्षिण एशिया और दक्षेस देशों में चावल के अनुसंधान एवं प्रशिक्षण का प्रमुख केन्द्र बनेगा। मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं, जो नवंबर 2017 में अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान के फिलीपीन स्थित मुख्यालय गये।
PM Modi to visit Uttar Pradesh tomorrow. He will dedicate 6th International Rice Research Institute South Asia Regional Centre (ISARC) campus to the nation in Varanasi&attend One District,One Product Regional Summit at Deendayal Hastakala Sankul in Varanasi. pic.twitter.com/ccjVPFCWCP
— ANI UP (@ANINewsUP) December 28, 2018
मोदी दीनदयाल हस्तकला संकुल में 'वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट' क्षेत्रीय शिखर सम्मेलन में भी हिस्सा लेंगे।दिल्ली रवाना होने से पहले वह बुनकरों और हस्तशिल्पियों से मुलाकात करेंगे।इससे पहले मोदी 12 नवंबर को वाराणसी आये थे। कई परियोजनाओं का शुभारंभ करने के बाद उन्होंने जनसभा को संबोधित किया था।मोदी की वाराणसी यात्रा इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण है कि वाराणसी में 21 जनवरी से प्रवासी भारतीय दिवस होना है, जिसकी तैयारियां जोर शोर से चल रही हैं। वाराणसी से पहले प्रधानमंत्री गाजीपुर जाएंगे जहां वह एक मेडिकल कालेज की आधारशिला रखेंगे।वह महाराज सुहेलदेव पर एक डाक टिकट जारी करेंगे और आरटीआई मैदान पर जनसभा करेंगे। योगी आदित्यनाथ सरकार में वरिष्ठ मंत्री एवं सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि वह प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे।
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राजभर इस बात से नाराज हैं कि डाक टिकट पर महाराजा सुहेलदेव राजभर का पूरा नाम नहीं अंकित है। भाजपा को उसकी एक अन्य सहयोगी पार्टी अपना दल (एस) से भी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। अपना दल (एस) के अध्यक्ष आशीष पटेल ने मिर्जापुर में एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया था कि राजग के बडे़ घटक भाजपा की ओर से छोटे दल अनदेखी महसूस कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से अपना दल (एस) की 15 से अधिक सीटों पर उपस्थिति है। कुर्मी पटेल उसके प्रमुख वोटर हैं और उनमें से लगभग एक लाख केवल प्रधानमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र में हैं।
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