यह ‘नो-डेटा’ सरकार है, प्रधानमंत्री की लोकप्रियता अब पहले जैसी नहीं रही: कांग्रेस
कांग्रेस नेता ने कहा कि हमने कहा था कि लोगों के खाते में 7500 रुपये मासिक भेजा जाए, लेकिन सरकार नहीं सुनी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने फरवरी महीने में ही कह दिया था कि कोरोना संकट विकराल होने वाला है।
उन्होंने कहा, ‘‘आप लोग मनरेगा को ‘मरेगा’ कहते थे। लेकिन यह मनरेगा सबको बचाता है। अब आप लोगों को भी यही मनरेगा बचा रहा है। संप्रग सरकार ने जो कानून बनाया था उसके कारण ही आप इसके तहत लोगों को पैसे दे रहे हैं।’’ चौधरी ने कहा कि कोरोना संकट के समय राज्यों की अनदेखी हो रही है। चौधरी ने कहा कि आप आत्मनिर्भरता की बात करते हैं। आपने 20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज की बात की। लेकिन ज्यादातर रेटिंग एजेंसियों ने क्या कहा, उसे देखना चाहिए। यह एक धोखा था। उन्होंने सवाल किया, ‘‘आप बिना तैयारी के अपने लॉकडाउन कर दिया। नतीजा यह हुआ कि लाखों लोग सड़क पर चलने लगे। लोगों की सड़कों पर मौत हुई। इस बारे में कोई ब्यौरा सरकार ने क्यों नहीं दिया।’’ कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘‘आपके पास नौकरियों का कोई डेटा नहीं है। आपके पास किसी चीज का डेटा नहीं होता। यह ‘नो डेटा’ सरकार बन गई है।’’ चौधरी ने कहा, ‘‘ पांच ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था का क्या भविष्य है? आप 2024 तक आप पांच ट्रिलियन अर्थव्यवस्था तक कैसे पहुंचेंगे?’’ उन्होंने कहा कि आज देश की संपत्तियों और सार्वजनिक इकाइयों को सरकार बेच रही है।What govt has done was promised in manifestos of those who ruled country for decades: PM on Cong opposition to farm bills
— Press Trust of India (@PTI_News) September 18, 2020
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कांग्रेस नेता ने कहा कि हमने कहा था कि लोगों के खाते में 7500 रुपये मासिक भेजा जाए, लेकिन सरकार नहीं सुनी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने फरवरी महीने में ही कह दिया था कि कोरोना संकट विकराल होने वाला है। लेकिन कुछ नहीं किया गया। चौधरी ने कहा कि आज देश कोरोना के मामलों के मामले में दुनिया में दूसरे नंबर पर पहुंच गया। यह चिंता का विषय है। उन्होंने यह दावा भी किया कि इस सरकार में अविश्वास का माहौल पैदा हो गया है। वहीं, तृणमूल कांग्रेस के सौगत रॉय ने कहा कि अर्थव्यवस्था में 24 फीसदी की गिरावट आई। ऐसी स्थिति हम चीन से कैसे तुलना करेंगे? उन्होंने आरोप लगाया कि अर्थव्यवस्था के चार प्रमुख मानकों- घरेलू उपभोग, निजी क्षेत्र के निवेश, सरकारी निवेश और निर्यात पर देखें तो यह बहुत खराब स्थिति में है। रॉय ने सवाल किया, ‘‘ वित्त मंत्री को बताना चाहिए कि हम इस अंधेरी गुफा से बाहर कैसे निकलेंगे।
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