चुनाव से पहले PM पद के दावेदार की घोषणा करने की पहल गैरजरूरी: येचुरी
माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने सोमवार को बताया कि लोकसभा चुनाव में भाजपा को सत्ता से बाहर करने के साझा लक्ष्य को लेकर सभी विपक्षी दलों की एकजुटता प्राथमिक जरूरत है।
नयी दिल्ली। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद के दावेदार घोषित करने की रणनीति को वामदलों ने विपक्ष की एकजुटता के लिये नुकसानदायक बताते हुये ऐसी किसी भी पहल को गैरजरूरी बताया है। माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने सोमवार को बताया कि लोकसभा चुनाव में भाजपा को सत्ता से बाहर करने के साझा लक्ष्य को लेकर सभी विपक्षी दलों की एकजुटता प्राथमिक जरूरत है। उल्लेखनीय है कि द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने रविवार को विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद के दावेदार के रूप में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नाम का प्रस्ताव किया था।
CPI(M)'s Sitaram Yechury on MK Stalin proposing Rahul Gandhi's name for prime ministerial candidate: Everyone is entitled to their opinion,we learn from our country's history. A formation that forms an alternative government at the center comes into existence only post-elections. pic.twitter.com/oZSftnC0dy
— ANI (@ANI) December 17, 2018
येचुरी ने स्पष्ट किया कि इसके लिये एकजुट विपक्ष की ओर से चुनाव के पहले ही प्रधानमंत्री पद के चहरे की घोषणा करना जरूरी नहीं है। भाकपा के महासचिव एस सुधाकर रेड्डी ने भी चुनाव से पहले प्रधानमंत्री पद के चेहरे की घोषणा को विपक्षी दलों की एकजुटता के लिये नुकसानदायक बताया। रेड्डी ने कहा ‘‘हमारा मानना है....किसे प्रधानमंत्री होना चाहिए.....इस पर चर्चा चुनाव के बाद होनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आम चुनाव को लेकर हर व्यक्ति के पास अपने विचार है। हमारी पार्टी पहले भी यह कह चुकी है.....इसका निर्णय चुनाव के बाद होना चाहिए।’’ आम चुनाव सहित अन्य अहम मुद्दों पर गत सप्तांहात माकपा की केन्द्रीय समिति की दो दिवसीय बैठक के बाद येचुरी ने कहा, ‘‘अभी तक सरकार का गठन करने वाले विपक्षी दलों के सभी गठजोड़ चुनाव के बाद बने और प्रधानमंत्री पद के चेहरे का भी उसी समय चुनाव किया गया। इसलिये हमारे देश के लोकतंत्र का यह स्वभाव है कि इस तरह की एकजुटता चुनाव के बाद ही देखने को मिलती है।’’
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येचुरी ने कहा कि अगले आम चुनाव के संदर्भ में भी सभी धर्मनिरपेक्ष दलों की एकजुटता को राज्यों के स्तर पर सुनिश्चित किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘साझा लक्ष्य भाजपा को हराना है इसके लिये सभी धर्मनिरपेक्ष दलों के बीच विभिन्न राज्यों में विभिन्न स्तरों पर आपसी समझ विकसित करने के इंतजाम किये जा रहे हैं।’’।राष्ट्रीय स्तर पर महागठबंधन के सवाल पर येचुरी ने कहा कि फिलहाल राज्यों की स्थानीय परिस्थितियों के आधार पर विपक्षी दलों की साझा चुनावी रणनीति तय की जा रही है, राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी गठबंधन का स्वरूप चुनाव के बाद ही तय होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि पश्चिम बंगाल में वामदलों का नारा रहेगा ‘देश को बचाने के लिये मोदी को हराना है और बंगाल को बचाने के लिये तृणमूल कांग्रेस को हराना है।’’ इसी तरह तमिलनाडु में मोदी और अन्नाद्रमुक का विरोध किया जायेगा।
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