कांग्रेस में आगे प्रियंका का प्रभाव और बढ़ेगा: शशि थरूर
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘वहां वह तत्काल संभावनाओं को तलाशने पर काम करेंगी लेकिन लंबे समय में मुझे लगता है कि पार्टी में उनका प्रभाव बढ़ेगा ओर लोगों के बीच उनकी लोकप्रियता पहले ही कायम हो चुकी है।’’
तिरुवनंतपुरम। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने यहां कहा कि अभी के लिए उत्तर प्रदेश प्रियंका गांधी वाड्रा की ‘कर्म भूमि’ है लेकिन पार्टी में आगे उनका प्रभाव और बढ़ेगा। प्रियंका (47) को इस साल 23 जनवरी को पूर्वी उत्तर प्रदेश का एआईसीसी महासचिव नियुक्त किया गया। इसी के साथ उन्होंने राजनीति में औपचारिक रूप से प्रवेश कर लिया। पार्टी को उम्मीद है कि इससे राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य में उसकी संभावनाओं को बल मिलेगा। उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें हैं। थरूर ने एक विशेष साक्षात्कार में कहा, ‘‘वह (प्रियंका) बहुत प्रभावशाली महिला है, जो अच्छा बोलती है, आत्मविश्वास, मुहावरों के साथ और धाराप्रवाह बोलती हैं। वह जनता के सामने काफी सहज है और कई लोगों को उन्हें देखकर उनकी दादी की याद आती है।’’
Congratulated, w/the Kerala State Teachers' Association, a group of retiring teachers for their years of service. Educators play the most important of roles in society: leading our youth into a land where the mind is without fear, knowledge is free, and the head is held high! pic.twitter.com/9Et3LgVx5b
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) March 24, 2019
उन्होंने कहा, ‘‘विनम्रता से कहा जा सकता है कि वह इस समय आधे उत्तर प्रदेश की महासचिव है और वह उनकी कर्मभूमि होने जा रही है।’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘वहां वह तत्काल संभावनाओं को तलाशने पर काम करेंगी लेकिन लंबे समय में मुझे लगता है कि पार्टी में उनका प्रभाव बढ़ेगा ओर लोगों के बीच उनकी लोकप्रियता पहले ही कायम हो चुकी है।’’ विभिन्न राज्यों में कांग्रेस के चुनावी गठबंधनों पर थरूर ने कहा कि यह हर राज्य पर अलग-अलग निर्भर करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘हर राज्य के लिए अलग तर्क है। हमारे कुछ राज्यों में कुछ पार्टियों के साथ संभावित गठबंधन हैं और दूसरे राज्य में हम उनके खिलाफ लड़ रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और माकपा के बीच समझौते में कुछ भी गलत नहीं है। हालांकि दोनों पार्टियों के बीच केरल में कटु मुकाबला है लेकिन राष्ट्रीय नेतृत्व पश्चिम बंगाल में कुछ समझौतों पर राजी हो गया है। भाजपा इस पर दोनों पार्टियों पर ‘‘दोहरे मापदंड’’ अपनाने का आरोप लगा रही है।
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थरूर ने कहा, ‘‘इसमें कुछ भी गलत नहीं है और यह पहली बार नहीं है। साल 2016 केरल विधानसभा चुनाव में उन्होंने (भाजपा) ऐसी ही कोशिश की थी लेकिन हमारा उनके खिलाफ कटु मुकाबला रहा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘2011 के चुनावों में यह कोई इतना बड़ा मुद्दा नहीं था क्योंकि माकपा और कांग्रेस पश्चिम बंगाल में भी एक-दूसरे के खिलाफ लड़ रहे थे। लेकिन आज हर राज्य अपनी राजनीतिक वास्तविकता के अनुसार चल रहा है और बंगाल में राजनीतिक सच्चाई केरल से काफी अलग है।’’ फिर से तिरुवनंतपुरम से चुनाव लड़ रहे थरूर ने कहा कि चुनाव के बाद की स्थिति ज्यादा दिलचस्प होगी क्योंकि अभी कुछ पार्टियां हैं जो अकेले चुनाव लड़ रही हैं लेकिन चुनावों के बाद वे भाजपा के बजाय कांग्रेस को समर्थन देना पसंद कर सकती हैं।
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