वाड्रा की कंपनी को दिए गए भूमि अधिकार रद्द करने की प्रक्रिया आरंभ

process-to-revoke-land-rights-given-to-vadra-company
[email protected] । Sep 19 2019 5:16PM

1991 बैच के आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने 2012 में स्काईलाइट हॉस्पिटेलिटी और डीएलएफ के बीच भूमि सौदे का दाखिल खारिज निरस्त कर दिया था। आरोप है कि वाड्रा की कंपनी ने 3.5 एकड़ भूमि 7.5 करोड़ रुपये में खरीदी थी और इसे बाद में 58 करोड़ रुपए में डीएलएफ को बेच दिया था।

चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने कॉलोनी विकसित करने के लिए रॉबर्ड वाड्रा के स्काई लाइट हॉस्पिटेलिटी को दिया गया लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया आरंभ कर दी है। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। यह जमीन स्काई लाइट हॉस्पिटेलिटी ने बाद में 58 करोड़ रुपये में ‘डीएलएफ’ को हस्तांतरित कर दी थी। राज्य के नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के निदेशक के एम पांडुरंग ने बताया कि हरियाणा विकास एवं नियमन और शहरी क्षेत्र अधिनियम, 1975 के प्रावधानों के अनुसार लाइसेंस रद्द करने के लिए प्रक्रियागत औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। इन औपचारिकताओं में कॉलोनी विकसित करने वाले को नोटिस देना और अपनी बात रखने का अवसर देना शामिल है।

इसे भी पढ़ें: प्रियंका ने सरकार को आड़े हाथों लिया, बोलीं- निवेशकों का भरोसा डगमगा चुका है

उन्होंने कहा, ‘‘हमें रद्द करने की प्रक्रिया का पालन करना होगा, जो हम कर रहे हैं और औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। हम उन्हें नोटिस देते हैं और अपनी बात रखने का अवसर देते हैं। यह काम पूरा हो गया है। हमें अब निर्णय लेना होगा और यह प्रक्रिया जारी है।’’ पांडुरंग ने कहा कि तत्कालीन महानिदेशक ने भूमि का दाखिल-खारिज निरस्त कर दिया था जिसके कारण भूमि के मालिकाना हक को लेकर कुछ मसले हैं। उल्लेखनीय है कि 1991 बैच के आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने 2012 में स्काईलाइट हॉस्पिटेलिटी और डीएलएफ के बीच भूमि सौदे का दाखिल खारिज निरस्त कर दिया था। आरोप है कि वाड्रा की कंपनी ने 3.5 एकड़ भूमि 7.5 करोड़ रुपये में खरीदी थी और इसे बाद में 58 करोड़ रुपए में डीएलएफ को बेच दिया था।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़