सीधी भर्ती का प्रस्ताव नौकरशाही की अक्षमता के कारण नहीं: सरकार
सरकार ने कहा कि निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों को संयुक्त सचिव पद के स्तर पर सीधी भर्ती करने का प्रस्ताव इसलिए नहीं किया गया है कि नौकरशाही अक्षम है।
नयी दिल्ली। सरकार ने कहा कि निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों को संयुक्त सचिव पद के स्तर पर सीधी भर्ती करने का प्रस्ताव इसलिए नहीं किया गया है कि नौकरशाही अक्षम है बल्कि यह मानव संसाधन की उपलब्धता को बढ़ाने तथा प्रशासन में नये विचारों को बढ़ावा देने के लिए है। कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्यमंत्री डा जितेन्द्र सिंह ने कहा कि सरकार ने राष्ट्र निर्माण में योगदान करने के इच्छुक एवं प्रतिभावान एवं प्रेरित भारतीय नागरिकों को सरकार में अनुबंध के आधार पर संयुक्त सचिव स्तर पर भर्ती करने का निर्णय किया है।
उन्होंने कहा कि इसके लिए अन्य बातों के साथ साथ निजी क्षेत्र की कंपनियों, सलाहकार संगठनों, अंतरराष्ट्रीय-बहुराष्ट्रीय संगठनों में समान स्तर पर कार्यरत लोग भी आवेदन करने के पात्र हैं। उन्होंने इस बात से इंकार किया कि सरकार ने नौकरशाहों की अक्षमता का पता लगाने के लिए कोई सर्वेक्षण कराया है। उन्होंने कहा कि संयुक्त सचिव स्तर पर सीधी भर्ती का निर्णय शासन संबंधी सचिवों के क्षेत्रगत समूह (एस जी ओ एस) की सिफारिशों पर आधारित है।
मंत्री ने कहा कि ये सिफारिशें शासन में नये विचार एवं नवीन दृष्टिकोण शामिल करने तथा संयुक्त सचिव स्तर पर कार्मिकों की उपलब्धता में वृद्धि करने को ध्यान में रखकर की गई है, न कि ऐसे किसी निष्कर्ष के आधार पर कि भारतीय नौकरशाही अक्षम है।
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