संवैधानिक अधिकारों को बहाल करना शांति सुनिश्चित करने का एकमात्र तरीका: फारूक

Farooq Abdullah
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उन्होंने कहा, ‘‘जिम्मेदार नागरिकों के रूप में यह हमारा दायित्व है कि हम जम्मू कश्मीर में फिर से लोकतंत्र की लौ जलाएं और लोगों के संवैधानिक, लोकतांत्रिक एवं मानवाधिकारों की बहाली के लिए एकजुट, संवैधानिक तथा लोकतांत्रिक संघर्ष की जरूरत है।

श्रीनगर|  नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि जम्मू कश्मीर में लोगों को ‘कड़वी दवाएं खिलाकर’ नहीं, बल्कि उनके संवैधानिक अधिकारों को बहाल करके ही शांति बहाल की जा सकती है।

अपने आवास पर करगिल और कश्मीर के उत्तर, दक्षिण और मध्य हिस्सों के प्रतिनिधिमंडलों के साथ बातचीत में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता ने कहा कि यह जम्मू कश्मीर के लोगों का दायित्व है कि वे केंद्रशासित प्रदेश में फिर से लोकतंत्र की लौ जलाएं।

फारूक ने कहा, ‘‘हमारे लोगों को कड़वी दवाएं खिलाकर जम्मू कश्मीर में शांति हासिल नहीं की जा सकती। यह उनके अवरुद्ध संवैधानिक और लोकतांत्रिक अधिकारों को बहाल करके ही बहाल की जा सकती है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जिम्मेदार नागरिकों के रूप में यह हमारा दायित्व है कि हम जम्मू कश्मीर में फिर से लोकतंत्र की लौ जलाएं और लोगों के संवैधानिक, लोकतांत्रिक एवं मानवाधिकारों की बहाली के लिए एकजुट, संवैधानिक तथा लोकतांत्रिक संघर्ष की जरूरत है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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