बाल यौन शोषण करने वाले की खैर नहीं! सरकार लेकर आयी मृत्युदंड का प्रावधान
सरकार ने कहा कि कानून में बदलाव से देश में बढते बाल यौन शोषण के मामलों के खिलाफ कठोर उपाय और नई तरह के अपराधों से भी निपटने की जरूरत पूरी होगी। सरकार ने कहा कि कानून में शामिल किए गए मजबूत दंडात्मक प्रावधान निवारक का काम करेंगे।
नयी दिल्ली। बाल यौन उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए, केन्द्रीय कैबिनेट ने बुधवार को पॉक्सो कानून को कड़ा करने के लिए इसमें संशोधनों को मंजूरी दे दी। प्रस्तावित संशोधनों में बच्चों का गंभीर यौन उत्पीड़न करने वालों को मृत्युदंड तथा नाबालिगों के खिलाफ अन्य अपराधों के लिए कठोर सजा का प्रावधान किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि बाल यौन अपराध संरक्षण (पॉक्सो) कानून में प्रस्तावित संशोधनों में बाल पोर्नोग्राफी पर लगाम लगाने के लिए सजा और जुर्माने का भी प्रावधान शामिल है।
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सरकार ने कहा कि कानून में बदलाव से देश में बढते बाल यौन शोषण के मामलों के खिलाफ कठोर उपाय और नई तरह के अपराधों से भी निपटने की जरूरत पूरी होगी। सरकार ने कहा कि कानून में शामिल किए गए मजबूत दंडात्मक प्रावधान निवारक का काम करेंगे।
#Cabinet approves Amendment in the Protection of Children from Sexual Offences (POCSO) Act 2012;
— Sitanshu Kar (@DG_PIB) July 10, 2019
Death Penalty provisions for Sexual Offences against Children
Fines and Jail term to Curb Child Pornography pic.twitter.com/I2jQWy3Xa2
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सरकार ने कहा, ‘‘इसकी मंशा परेशानी में फंसे असुरक्षित बच्चों के हितों का संरक्षण करना तथा उनकी सुरक्षा और गरिमा सुनिश्चित करना है। संशोधन का उद्देश्य बाल उत्पीड़न के पहलुओं तथा इसकी सजा के संबंध में स्पष्टता प्रावधान लेकर आने का है।’’ सरकार ने एक बयान में कहा कि बाल यौन शोषण के पहलुओं पर उचित ढंग से निपटने के लिए पॉक्सो कानून, 2012 की धाराओं 2, 4, 5, 6, 9, 14, 15, 34, 42 और 45 में संशोधन किये जा रहे हैं।
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