पुलवामा हमले ने भारत को आतंकवाद से लड़ने के लिए और प्रतिबद्ध बनाया: स्वराज
इस बैठक में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भी भाग लिया। स्वराज ने कहा, ‘‘हमारी संवेदनाएं हाल ही में भीषण आतंकवादी कृत्य के गवाह बने श्रीलंका के हमारे भाइयों एवं बहनों के साथ हैं।
बिश्केक। भारत ने बुधवार को कहा कि श्रीलंका में सिलसिलेवार बम विस्फोट ऐसे समय पर हुए जब पुलवामा आतंकवादी हमले के जख्म भरे भी नहीं थे और इन घटनाओं ने भारत को आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ता से लड़ने के लिए और अधिक प्रतिबद्ध बनाया है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने यहां किर्गिजिस्तान की राजधानी में शंघाई सहयोग संगठन के विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि भारत समग्र, सहयोगात्मक एवं स्थायी सुरक्षा के लिए एससीओ संरचना में सहयोग लगातार मजबूत करने को लेकर प्रतिबद्ध है।
EAM Sushma Swaraj: Our heart goes out to our brothers & sisters of Sri Lanka, who have recently witnessed the ghastly act of terrorism. Our wounds of Pulwama attack were still raw & news from neighborhood has made us more determined to fight firmly resolutely against this menace. https://t.co/tFPmYn8I0W
— ANI (@ANI) May 22, 2019
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इस बैठक में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भी भाग लिया। स्वराज ने कहा, ‘‘हमारी संवेदनाएं हाल ही में भीषण आतंकवादी कृत्य के गवाह बने श्रीलंका के हमारे भाइयों एवं बहनों के साथ हैं। पुलवामा हमले से मिले हमारे जख्म अभी हरे ही थे और तभी पड़ोस से मिली भयावह खबर ने हमें आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ता के लड़ने के लिए और अधिक प्रतिबद्ध बना दिया।’’
श्रीलंका में तीन गिरजाघरों और तीन लग्जरी होटलों पर 21 अप्रैल को नौ आत्मघाती हमलावरों के हमले में 250 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और 500 अन्य लोग घायल हो गए थे। इससे कुछ महीने पहले ही जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के जवानों पर हुए पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। स्वराज ने कहा कि भारत क्षेत्रीय आतंकवाद रोधी ढांचे (आरएटीएस) के कार्य को और प्रभावशाली बनाने के तरीकों संबंधी विचारों को अपनाने के लिए तैयार है। आरएटीएस विशेष रूप से सुरक्षा संबंधी मामलों को देखता है।
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उन्होंने कहा, ‘‘अशांत वैश्विक परिदृश्य के बावजूद, एससीओ सदस्य देश राजनीति, रक्षा एवं विकास समेत विभिन्न क्षेत्रों में आपसी हितकारी सहयोग बढ़ा रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि भारत आर्थिक एवं व्यापार सहयोग संबंधी एससीओ के प्रासंगिक दस्तावेजों पर काम तेज करने और एससीओ के सदस्य देशों की आर्थिक गतिविधियों के लिए उचित माहौल तैयार करने की दिशा में काम जारी रखने को लेकर प्रतिबद्ध है। स्वराज ने चीन एवं अमेरिका के मध्य जारी व्यापार युद्ध के बीच कहा, ‘‘भारत नियम आधारित, पारदर्शी, निष्पक्ष, खुली एवं समावेशी बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली अपनाता है जो विश्व व्यापार संगठन के अनुरूप है। भारत एकतरफा और संरक्षणवाद का दृढ़ता से विरोध करता है।’’
भारत 2017 में इस समूह का पूर्ण सदस्य बना था और भारत के इसमें शामिल होने से क्षेत्रीय भू-राजनीति में समूह का महत्व बढ़ गया है। भारत के साथ ही पाकिस्तान को भी 2017 में एससीओ की सदस्यता मिली थी। स्वराज ने कहा कि विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी नीत नवोन्मेष और डिजिटल अर्थव्यवस्था वे अहम क्षेत्र हैं जो दीर्घकालीन समावेशी एवं स्थायी विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि भारत ने बहुआयामी कल्याण दृष्टिकोण अपनाया है जिसमें मानव संसाधनों का विकास, अनुसंधान एवं विकास और नवोन्मेष को प्रोत्साहित करना, डिजिटल सेवाओं के माध्यम से दक्षता बढ़ाना और सुरक्षित साइबर क्षेत्र सुनिश्चित करना है।
स्वराज ने कहा कि भारत क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को लेकर प्रतिबद्ध है जो अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे, चाबहार बंदरगाह, अश्गाबात समझौते और भारत-म्यामां-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग में उसकी संलिप्तता से दिखाई देता है। सुषमा ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरने वाले चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे पर भारत की आपत्ति का स्पष्ट जिक्र करते हुए कहा, ‘‘हमने काबुल और कंधार और नयी दिल्ली और मुंबई के बीच हवाई माल ढुलाई गलियारे परिचालित किए हैं। हम उन क्षेत्रीय कनेक्टिविटी पहलों का स्वागत करते हैं, जो समावेशी, स्थायी, पारदर्शी हैं और संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता के सिद्धांतों का सम्मान करती हैं।’’
"We are determined to consistently strengthen cooperation within the
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) May 22, 2019
SCO framework for comprehensive,
cooperative and sustainable security" -
EAM @SushmaSwaraj while delivering her statement at SCO Foreign Minister's Meeting in Bishkek. Full speech at https://t.co/mETyOQkDa3 pic.twitter.com/CLWN4uWXt9
उन्होंने कहा कि भारत क्षमता निर्माण, मानव संसाधन विकास एवं क्षेत्र के युवाओं के बीच संवाद बढ़ाने की पहलों को समर्थन देता है।
स्वराज ने कहा कि भारत कृषि, दवाई, सूचना प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, वित्त एवं नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में अन्य एससीओ सदस्यों के साथ अपनी विशेषज्ञता साझा करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत हर उस प्रक्रिया के लिए प्रतिबद्ध है, जो एकजुट, शांतिपूर्ण, सुरक्षित, स्थायी, समावेशी, और आर्थिक रूप से खुशहाल और ऐसे अफगानिस्तान के निर्माण में मददगार हो सकती है, जहां लैंगिक समानता और मानवाधिकारों की गारंटी हो।’’
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