पंजाब कांग्रेस विवाद: अमरिंदर सिंह शुक्रवार को समिति से मुलाकात करेंगे
शुक्रवार को मुख्यमंत्री के साथ मुलाकात के बाद संवाद का यह सिलसिला खत्म होगा। इसके बाद समिति जल्द ही कांग्रेस आलाकमान को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।’’ कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि अमरिंदर सिंह दिल्ली में हैं और वह शुक्रवार सुबह समिति के सामने पहुंचकर अपनी बात रखेंगे।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री के साथ मुलाकात के बाद संवाद का यह सिलसिला खत्म होगा। इसके बाद समिति जल्द ही कांग्रेस आलाकमान को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।’’ कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि अमरिंदर सिंह दिल्ली में हैं और वह शुक्रवार सुबह समिति के सामने पहुंचकर अपनी बात रखेंगे। खड़गे के अलावा कांग्रेस महासचिव और पंजाब प्रभारी हरीश रावत और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जेपी अग्रवाल इस समिति में शामिल हैं। गौरतलब है कि हाल के कुछ सप्ताह में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच तीखी बयानबाजी देखने को मिली है। विधायक परगट सिंह और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कुछ अन्य नेताओं ने भी मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। सिद्धू ने मंगलवार को इस समिति से मुलाकात कर अपने विचार रखे थे। समिति से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा था कि ‘‘सत्य प्रताड़ित हो सकता है, लेकिन पराजित नहीं हो सकता।’’ कांग्रेस अलाकमान चुनाव से कुछ महीने इस कलह को दूर करने के साथ ही सिद्धू को सरकार या पार्टी में कोई महत्वपूर्ण भूमिका देने के पक्ष में है ताकि चुनाव में अमरिंदर के साथ सिद्धू की लोक्रपियता का पार्टी को फायदा हो सके।Punjab CM Captain Amarinder Singh to meet Congress panel (constituted to resolve factionalism in Punjab Congress) tomorrow morning.
— ANI (@ANI) June 3, 2021
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इस बीच, ऐसी चर्चा है कि सिद्धू को सरकार में बतौर उप मुख्यमंत्री शामिल करने और उनके साथ ही किसी हिंदू दलित को दूसरा उप मुख्यमंत्री बनाने के फार्मूले पर विचार चल रहा है। सूत्रों की मानें, तो मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह आलाकमान को अपने इस रुख से पहले ही अवगत करा चुके हैं कि उप मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सिख को देने से अच्छा संकेत नहीं जाएगा क्योंकि इस समाज से ही मुख्यमंत्री खुद हैं तथा हिंदू समुदाय को भी प्रतिनिधित्व देना है। ऐसे में माना जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री के पद के जरिए कांग्रेस आलाकमान राजनीतिक समीकरण के साथ सामाजिक समीकरण को साधने के लिए कदम उठा सकता है।
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