उत्तराखंड: चंपावत से चुनाव लड़ेंगे पुष्कर सिंह धामी, 31 मई को होगी वोटिंग, 3 जून को गिनती

pushkar dhami
ANI
अंकित सिंह । May 5 2022 4:43PM

मुख्यमंत्री बने रहने के लिए विधानसभा का सदस्य होना जरूरी है और यही कारण है कि पुष्कर सिंह धामी उपचुनाव लड़ने जा रहे हैं। 4 मई को अधिसूचना जारी हो गई। इसी के साथ नामांकन प्रक्रिया भी शुरू हो गई। 11 मई को नामांकन किया जाएगा जबकि 17 मई तक नाम वापस लिए जा सकते हैं।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चंपावत से चुनाव लड़ेंगे। चंपावत में उप चुनाव की घोषणा कर दी गई है। चंपावत में 31 मई को वोटिंग की जाएगी जबकि नतीजे 3 जून को आएंगे। दरअसल, हाल में ही संपन्न हुए उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 70 में से 47 सीटें जीतने के बाद पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई। हालांकि भाजपा की जीत की खुशी थोड़ी फीकी रह गई। इसका सबसे बड़ा कारण यह रहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपनी परंपरागत सीट खटीमा से चुनाव हार गए। बावजूद इसके भाजपा ने थामी पर विश्वास जताया और उन्हें एक बार फिर से मुख्यमंत्री बनाया।

मुख्यमंत्री बने रहने के लिए विधानसभा का सदस्य होना जरूरी है और यही कारण है कि पुष्कर सिंह धामी उपचुनाव लड़ने जा रहे हैं। 4 मई को अधिसूचना जारी हो गई। इसी के साथ नामांकन प्रक्रिया भी शुरू हो गई। 11 मई को नामांकन किया जाएगा जबकि 17 मई तक नाम वापस लिए जा सकते हैं। 3 मई को पता लग जाएगा कि उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी के ही नेतृत्व में सरकार चलेगी या फिर कोई नया मुख्यमंत्री बनेगा। भाजपा ने चंपावत से पुष्कर सिंह धामी को चुनावी मैदान में उतारा है। जबकि कांग्रेस की ओर से अब तक किसी प्रत्याशी का ऐलान नहीं किया गया है। सूत्रों का दावा है कि कांग्रेस किसी बाहरी नहीं बल्कि स्थानीय उम्मीदवार को महत्व देगी। 

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आपको बता दें कि चंपावत भाजपा का गढ़ रहा है। उत्तराखंड बनने के बाद यहां 5 बार चुनाव हुए हैं जिसमें से तीन बार भाजपा को जीत मिली है। 2022 के चुनाव में भी कैलाश गहतोड़ी को शानदार जीत मिली थी। लेकिन मुख्यमंत्री के लिए उन्होंने अपना सीट छोड़ दिया। कैलाश गहतोड़ी का दावा है कि क्षेत्र की जनता अब मुख्यमंत्री को चुनने के लिए बेताब है और पुष्कर सिंह धामी यहां से रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल करेंगे। 2002 और 2012 में यहां कांग्रेस को जीत हासिल हुई थी जबकि 2007 में भाजपा की वीना महाराना ने यहां जीत हासिल की। 2017 और 2022 में कैलाश गहतोड़ी को सफलता मिली। 

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