राफेल सौदा भारत में ‘सबसे बड़ा रक्षा घोटाला’: प्रशांत भूषण
उन्होंने कहा, ‘‘यह न केवल भारत में सबसे बड़ा रक्षा घोटाला है बल्कि इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा से भी समझौता किया गया है। वायुसेना को 126 विमानों की जरूरत थी लेकिन इसे घटाकर 36 कर दिया गया।’’
चेन्नई। उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने रविवार को कहा कि राफेल सौदा ‘‘भारत में सबसे बड़ा रक्षा घोटाला’’ है। भूषण ने केंद्र से इस मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच शुरू कराने का आग्रह किया। भूषण ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए सवाल किया कि कैसे अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस को इस परियोजना में शामिल किया जा सकता है जो कि फ्रांसीसी कंपनी दसाल्ट एविएशन की आफसेट साझेदार है और ‘‘उनकी अधिकतर कंपनियां कर्ज में हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह न केवल भारत में सबसे बड़ा रक्षा घोटाला है बल्कि इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा से भी समझौता किया गया है। वायुसेना को 126 विमानों की जरूरत थी लेकिन इसे घटाकर 36 कर दिया गया।’’ उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण पर निशाना साधते हुए केंद्र पर आरोप लगाया कि वह भारतीय वायुसेना के अधिकारियों से सौदे के बारे में ‘‘झूठ’’ कहलवा रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार को तत्काल एक जेपीसी जांच के लिए तैयार होना चाहिए और सभी दस्तावेज उसके सामने रखने चाहिए। इसमें कोई राष्ट्रीय सुरक्षा (तत्व) नहीं है (जैसा सरकार की ओर से दावा किया जा रहा है।)’’
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