माल्या के दावों पर राहुल गांधी बोले, जांच पूरी होने तक जेटली दें इस्तीफा
देश से भागने से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात करने संबंधी विजय माल्या के दावे को लेकर कांग्रेस ने आज केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर तीखे सवालों की बौछार कर दी और कहा कि इस पूरे प्रकरण की ''स्वतंत्र जांच'' होने तक जेटली को इस्तीफा दे देना चाहिए।
नयी दिल्ली। देश से भागने से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात करने संबंधी विजय माल्या के दावे को लेकर कांग्रेस ने आज केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर तीखे सवालों की बौछार कर दी और कहा कि इस पूरे प्रकरण की 'स्वतंत्र जांच' होने तक जेटली को इस्तीफा दे देना चाहिए। पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने बैंकों का करीब नौ हजार करोड़ रुपये के कर्ज की अदायगी नहीं करने के आरोपी माल्या के दावे को 'अति गंभीर आरोप' करार दिया और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को जांच का आदेश देना चाहिए।
राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, 'लंदन में आज माल्या की ओर से लगाये गए अति गंभीर आरोपों को देखते हुए प्रधानमंत्री को तत्काल स्वतंत्र जांच का आदेश देना चाहिए। जब तक जांच चलती है तब तक अरुण जेटली को वित्त मंत्री के पद से हट जाना चाहिए।' इससे पहले, कांग्रेस ने यह सवाल किया कि माल्या के बारे में सब कुछ पता होने के बावजूद उसे देश के बाहर क्यों जाने दिया गया और यह किसने किया?
Given Vijay Mallya’s extremely serious allegations in London today, the PM should immediately order an independent probe into the matter. Arun Jaitley should step down as FInance Minister while this probe is underway.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 12, 2018
पार्टी ने यह भी पूछा कि जेटली जब संसद में माल्या के विषय पर बोले तब उन्होंने इस कथित मुलाकात के बारे में क्यों नहीं बताया? कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा, ‘वित्त मंत्री ने जब माल्या के मुद्दे पर संसद में बयान दिया तो उन्हें माल्या के साथ मुलाकात का उल्लेख करना चाहिए था।’ उन्होंने कहा, ‘सिर्फ वित्त मंत्री यह बता सकते हैं कि उन्होंने संसद को इस बारे में क्यों नहीं बताया?’
पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा, ‘माल्या ने दो चीजे कही हैं। पहली कि उसने वित्त मंत्री से व्यवस्थित ढंग से मुलाकात की थी और दूसरी यह कि उसने मामले को सुलझाने की पेशकश की थी। इस मामले का पूरा खुलासा होना चाहिए। व्यापक स्पष्टीकरण आना चाहिए और व्यापक जांच होनी चाहिए।’ कांग्रेस नेता ने सवाल किया, ‘जब बैंकों को मालूम था, वित्त मंत्रालय को मालूम था, पूरी सरकार को मालूम था और माननीय प्रधानमंत्री को मालूम था कि माल्या पर इतना बड़ा कर्ज बकाया है। ऐसे में उसे देश से बाहर क्यों जाने दिया गया। यह बुनियादी सवाल है जिसका उत्तर पूरा देश जानना चाहता है।’
दरअसल, माल्या ने बुधवार को कहा कि वह भारत से रवाना होने से पहले वित्त मंत्री से मिला था। लंदन में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश होने के लिए पहुंचे माल्या ने संवाददाताओं को बताया कि उसने मंत्री से मुलाकात की थी और बैंकों के साथ मामले का निपटारा करने की पेशकश की थी। उधर, वित्त मंत्री जेटली ने माल्या के बयान को झूठा करार देते हुए कहा कि उन्होंने 2014 के बाद उसे कभी मिलने का समय नहीं दिया था। जेटली ने कहा कि माल्या राज्यसभा सदस्य के तौर पर हासिल विशेषाधिकार का ‘दुरुपयोग’ करते हुए संसद-भवन के गलियारे में उनके पास आ गया था।
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