Rahul Gandhi को नहीं पता कि इंदिरा और नेहरू ने संविधान के साथ कैसे छेड़छाड़ की: JP Nadda

राहुल भाजपा पर हमला करने के लिए अक्सर अपनी चुनावी रैलियों में संविधान की प्रति अपने साथ रखते हैं। नड्डा ने कहा, 'उन्हें (राहुल को) नहीं पता कि उनके पिता (राजीव गांधी), दादी (इंदिरा गांधी) और दादी के पिता (जवाहरलाल नेहरू) ने क्या किया था। उन्हें ये बातें पता होनी चाहिए।'
अहमदाबाद। केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रविवार को दावा किया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को इतिहास का कोई ज्ञान नहीं है और वह नहीं जानते कि उनके पिता (राजीव), दादी (इंदिरा) और दादी के पिता (नेहरू) ने संविधान के साथ छेड़छाड़ करने के क्या-क्या प्रयास किए थे। नड्डा ने कहा कि कांग्रेस ने 65 वर्षों तक देश पर शासन किया और उसके नेताओं ने संविधान के साथ छेड़छाड़ कर इसके बुनियादी प्रावधानों को नष्ट करने की कोशिश की। वह भाजपा के 'संविधान गौरव अभियान' में बोल रहे थे।
हाल में, केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार, भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के खिलाफ एक टिप्पणी में 'इंडियन स्टेट' (भारतीय राज व्यवस्था) शब्द का इस्तेमाल करने को लेकर राहुल पर उन्होंने प्रहार किया। नड्डा ने कहा, 'आज हमारे कांग्रेस नेता कहते हैं कि वे इंडियन स्टेट (भारतीय राज व्यवस्था) के खिलाफ लड़ रहे हैं। उन्हें इतिहास का कोई ज्ञान नहीं है, न ही उनका इससे कोई लेना-देना है।' उन्होंने कहा कि राहुल उन्हें सौंपे गए भाषणों की सामग्री और संदर्भ को समझे बिना उन्हें 'सिर्फ पढ़ते' हैं। राहुल ने हाल ही में कहा था, 'भाजपा और आरएसएस ने इस देश की हर एक संस्था पर कब्जा कर लिया है और अब हम भाजपा, आरएसएस और भारतीय राज व्यवस्था से लड़ रहे हैं।'
इसे भी पढ़ें: Deepika Patidar ने चार बार असफल होकर लिखी अपनी सफलता की कहानी, यूं ही नहीं बनी MPPSC टॉपर
नड्डा ने कहा, 'भारत अपना 76 वां गणतंत्र दिवस मनाने की तैयारी कर रहा है। ऐसे में हमें याद रखना चाहिए कि किसने संविधान के साथ छेड़छाड़ की और इसके बुनियादी प्रावधानों को नष्ट करने की कोशिश की। यह भी याद रखें कि किसने संविधान की रक्षा की और किसने बाबासाहेब आंबेडकर के विचारों की रक्षा करने के साथ उन्हें रेखांकित करने का काम किया।' उन्होंने कहा कि नागरिकों को उन पाखंडी लोगों से सचेत और सावधान रहना चाहिए जो संविधान को पढ़े बिना इसकी प्रति लेकर घूमा करते हैं।
राहुल भाजपा पर हमला करने के लिए अक्सर अपनी चुनावी रैलियों में संविधान की प्रति अपने साथ रखते हैं। नड्डा ने कहा, 'उन्हें (राहुल को) नहीं पता कि उनके पिता (राजीव गांधी), दादी (इंदिरा गांधी) और दादी के पिता (जवाहरलाल नेहरू) ने क्या किया था। उन्हें ये बातें पता होनी चाहिए।' उन्होंने आंबेडकर को उद्धृत करते हुए कहा कि भले ही संविधान खराब हो, फिर भी इसे अच्छा किया जा सकता है अगर इसे लागू करने वालों की मंशा सही हो। नड्डा ने कहा कि कांग्रेस नेता 'बुरे' थे, लेकिन भाजपा के नेता 'अच्छे' हैं जिन्होंने अनुच्छेद 370 को खत्म (जम्मू-कश्मीर में) करने जैसे कदम उठाए, ‘एक देश एक कर’ लागू किया और समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।'
भाजपा अध्यक्ष ने कहा, 'जब 1949 में संविधान को अंगीकार किया जा रहा था, तो डॉ. आंबेडकर ने कहा था कि संविधान कितना भी अच्छा क्यों न हो, अगर इसे लागू करने वाला बुरा है, तो यह विफल हो जाएगा।' नड्डा ने कहा कि अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35(ए) को आंबेडकर के विरोध के बावजूद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा लागू किया गया और इन प्रावधानों ने जम्मू-कश्मीर के लोगों को संविधान में निहित बुनियादी अधिकारों से वंचित कर दिया।
उन्होंने कहा कि कुछ प्रावधानों ने जम्मू कश्मीर को अस्त-व्यस्त कर दिया था जिसे केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने निरस्त कर दिया। उन्होंने कहा, 'आंबेडकर और (जनसंघ संस्थापक) श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने भी इन प्रावधानों का विरोध किया था। हमारी संसद में पारित किए गए 126 कानूनों को जम्मू-कश्मीर में लागू नहीं किया गया, जिससे वहां के लोग कई अधिकारों से वंचित हो गए।'
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'आपको खराब और अच्छे लोगों के बीच का अंतर समझना चाहिए...जब आपने मोदी को प्रधानमंत्री बनाया, तो 6 अगस्त 2019 को मोदी की इच्छा शक्ति और अमित शाह की रणनीति ने अनुच्छेद 370 को खत्म करने में मदद की।'
आपातकाल (1975-77) की ओर इशारा करते हुए नड्डा ने कहा कि इंदिरा गांधी ने संविधान के साथ छेड़छाड़ की और 1.35 लाख लोगों को जेल में डाल दिया, जिससे कई परिवार बर्बाद हो गए। नड्डा ने कहा कि यह गर्व की बात है कि आपातकाल के दौरान जेल गए ज्यादातर लोग 'हमारी विचारधारा' वाले थे। उन्होंने 39वें और 42वें संविधान संशोधन (न्यायिक दायरे को सीमित करने और राज्यों से केंद्र को शक्तियां हस्तांतरित करने के लिए आपातकाल के दौरान पारित) का हवाला दिया, जो तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार द्वारा लागू किए गए थे।
नड्डा ने कहा, 'इंदिरा गांधी लुभावने नारे देकर देश को गुमराह करना चाहती थीं। इसलिए उन्होंने संविधान में पंथनिरपेक्षता और समाजवाद शब्द जोड़े।' नड्डा ने कहा कि संविधान 'अच्छे लोगों' के तहत कैसे काम करता है, इसे इस बात से देखा जा सकता है कि किस तरह से ‘एक राष्ट्र, एक कर’ लागू किया गया है, किस तरह देश समान नागरिक संहिता की ओर बढ़ रहा है, कैसे अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया गया और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया गया।
अन्य न्यूज़